नए लोगों से बात करने में बच्चे को होती है हिचकिचाहट तो यह जानना है जरूरी


Stranger anxiety, Symptoms And Prevention-  छोटे बच्चे अपने माता पिता के सामने बहुत एक्टिव नजर आते हैं. घर में जितने लोग होते हैं उनसे चटर पटर बातें करना. कभी पोयम सुनाना, कभी तोतली जुबान में कहानी सुनाना और कभी सिर्फ एक रिक्वेस्ट पर फेवरेट गाना सुना देना. घर में जब कोई नया व्यक्ति आता है, मेहमान या रिश्तेदार तब पेरेंट्स बच्चे की क्वालिटीज दिखाने के लिए सवाल पर सवाल करने लगते हैं. कभी बच्चों को कविता सुनाने के लिए कहा जाता है कभी कहानी कबी गाना. होता ये है कि जो बच्चे घर में खूब बातें  करते हैं वो नए चेहरे को देखकर एकदम चुप हो जाते हैं. कई बार तो मम्मी  पापा के पीछे ही छिपे रहते हैं. जिसे हम बच्चों का शर्मीलापन मान लेते हैं. इस आदत की वजह स्ट्रेंजर एंजाइटी भी हो सकती है. 

 

क्या होती है स्ट्रेंजर एंजाइटी?

किसी भी अजनबी को देखकर बच्चे  टेंशन में आ जाएं या छुपने लग जाएं तब समझिए कि बच्चे को स्ट्रेंजर एंजाइटी हो सकती है. ये डिस्ट्रेस बेबी का ही एक प्रकार माना जा सकता है. नए लोगों को देखकर डरना. पुराने लोगों में सेफ फील होना एक किस्म की एंजाइटी ही है.

 

स्ट्रेंजर एंजाइटी के लक्षण

  • स्ट्रेंजर एंजाइटी को समझने के लिए बच्चों  में इस बदलाव या आदत को ऑब्जर्व करते रहें.
  • मेहमान या किसी नए सदस्य को घर में देखकर डर जाना या रोना शुरू कर देना
  • एक ही कमरे में नए व्यक्ति के साथ होने पर डरते रहना
  • इस एंजाइटी में बच्चे किसी नए व्यक्ति के आने पर लगातार मम्मी या पापा के आगे पीछे ही रहते हैं. खुद को नॉर्मल करने के लिए तेज तेज सांसे भी लेते हैं. 

स्ट्रेंजर एंजाइटी से बचने के तरीके

  • स्ट्रेंजर एंजाइटी को कम करने के लिए बच्चे को दूसरे से बेधड़क बात करने दे. उसे रोके टोके नहीं ना ही दूसरों के सामने ही तौर तरीके सिखाने की कोशिश करें.
  • अगर लगे कि बच्चा डर रहा है तो उसे नए व्यक्ति के साथ  एकदम अकेला छोड़कर न जाएं. बल्कि उसके कंफर्टेबल होने तक साथ ही रहें. एंजाइटी अपनेआप कम होने लगेगी.
  • हो सकता है कि इस तरह डरने की आदत बच्चों में लंबी चले. इसलिए खुद भी थोड़ा सब्र रखकर बच्चों  का साथ दें.

 

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