धरती पर तेजी से बदलती जलवायु का का अहम कारण ग्लोबल वार्मिंग है। ये सभी जानते हैं, लेकिन कैसे इस पर नियंत्रण पाया जाए, इसको लेकर साइंटिस्ट्स ने एक अहम रिसर्च की है।
International
oi-Mukesh Pandey


Global
Warming:
जलवायु
परिवर्तन
का
अध्ययन
करने
पर
ये
पता
चला
है
कि
धरती
पर
तापमान
में
पिछले
कुछ
दशकों
के
भीतर
अप्रत्याशित
वृद्धि
दर्ज
की
गई
है।
साइंटिस्ट्स
ने
इसको
लेकर
चेतावनी
भी
जारी
की
है।
एक
रिपोर्ट्स
के
मुताबिक
जलवायु
परिवर्तन
को
कम
करने
में
विफलता
को
अगले
10
वर्षों
में
दुनिया
के
सामने
सबसे
बड़ी
संख्या
के
जोखिम
के
रूप
में
माना
जाता
है।
प्राकृतिक
आपदाएं,
चरम
मौसम
की
घटनाएं,
जैव
विविधता
की
हानि
और
पारिस्थितिकी
तंत्र
का
पतन
भी
शीर्ष
चिंताएं
हैं।
हजारों
पन्नों
की
IPCC
एआर
6
असेसमेंट
रिपोर्ट
को
छोटा
कर
करके
37
पन्नों
की
सिंथेसिस
रिपोर्ट
बनाई
गई
है।
इस
रिपोर्ट
के
मुताबिक
अगर
2030
तक
ग्रीन
हाउस
गैसों
का
उत्सर्जन
आधा
कर
दिया
जाए
तब
कहीं
जाकर
तापमान
में
अधिक
से
अधिक
1.5
डिग्री
सेल्सियस
की
ही
बढ़ोतरी
होगी।
लेकिन
आज
के
दौर
में
ये
बेहत
मुश्किल
हो
चुका
है,
क्योंकि
हम
वापस
प्री-इंडस्ट्रियल
लेवल
पर
अब
वापस
आने
के
स्थिति
में
नहीं
हैं।
रिपोर्ट
में
कहा
गया
कि
ग्लोबल
वार्मिंग
के
चलते
जलवायु
तेजी
बदल
रही
है।
साइंटिस्ट्स
शोध
निष्कर्ष
में
कहा
कि
पृथ्वी
या
फिर
अन्य
कोई
भी
ग्रह
जितना
अधिक
गर्म
होगा
वहां
जलवायु
में
परिवर्तन
उतने
से
स्पष्ट
दिखाई
देंगे।
जिसका
असर
आबादी,
आजीविका
पर
होने
के
साथ
पर्यावरण
पर
भी
होगा।
इसके
साथ
ही
हम
लगातार
बड़ी
संख्या
में
कई
जीवों
की
प्रजातियां
खोते
जा
रहे
हैं।
ऐसे
जीव
उनके
जीवन
के
अनुकूल
नहीं
रही
वे
खत्म
होने
की
कगार
हैं,
ऐसे
जीवों
को
लुप्तप्राय
जीवों
की
सूची
में
डाल
दिया
गया
है।
अंतरिक्ष
में
दो
ग्रहों
पर
क्या
है
मौसम
का
हाल?
42
साल
बाद
दुर्लभ
तस्वीर,
Hubble
Telescope
ने
की
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इसके
अलावा
IPCC
एआर
6
असेसमेंट
रिपोर्ट
के
मुताबिक
पृथ्वी
पर
बढ़ता
तापमान
मानव
स्वास्थ्य
के
लिए
खतरा
पैदा
करेगा।
इससे
सूखे
और
बाढ़
से
फसलों
के
खत्म
होने
और
जानवर
पर
संकट
आस
सकता
है।
ताजा
रिपोर्ट
में
कहा
गया
है
कि
जलवायु
परिवर्तन
के
कारण
आज
प्राकृतिक
आपदाएं,मौसम
की
उथल
पुथल,
जैव
विविधता
और
पारिस्थितिकी
तंत्र
पर
बढ़ता
खतरा
चिंता
का
विषय
है।
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English summary
Global Warming Earth getting hotter such temperature never jumped in last 2000 years