मंगल से रोवर की हाल ही में भेजी गई तस्वीरें कौतूहल का विषय हैं। इसे देख साइंटिस्ट्स भी आश्चर्य में हैं। स्पेस में देखे गए इन बादलों को लेकर अब रिसर्च की जा रही है।
International
oi-Mukesh Pandey
मंगल
पर
जीवन
की
तलाश
का
मिशन
अभी
पूरा
नहीं
हुआ
है।
हालांकि
अब
साइंटिस्ट्स
के
पास
कई
ऐसे
अहम
तथ्य
मौजूद
हैं,
जिनके
दम
ये
कहा
जा
सकता
है
कि
लाल
ग्रह
पर
जीवन
संभव
है।
कई
क्षेत्र
ऐसे
पाए
गए
जहां
की
जलवायु
धरती
से
कई
मायनों
में
मिलती
जुलती
पाई
गई।
वहीं
नासा
पर्सिवरेंस
रोवर
(Perseverance
Rover)
की
हाल
की
तस्वीरों
में
बादलों
जैसी
एक
विचित्र
आकृति
खोजी
गई।
जिसको
लेकर
एक
स्पेस
एजेंसी
नासा
ने
एक
नया
रिसर्च
प्रोजेक्ट
पर
काम
शुरू
किया
है।
रोवर
ने
कैप्चर
की
तस्वीर
मंगल
बादलों
जैसी
तस्वीर
एक
बड़ी
उपलब्धि
मानी
जा
रही
है।
ये
लाल
ग्रह
पर
जीवन
की
तलाश
में
लॉन्च
किए
गए
नासा
के
रोवर
मिशन
के
कैमरे
में
कैद
हुई
है।
इस
तस्वीर
को
नासा
की
जेट
प्रोपल्शन
लैब
ने
जारी
की।
जिसे
मार्स
रोवर
के
नेविगेशन
कैमरे
ने
18
मार्च
को
कैद
किया
था।
रोवर
ने
ये
तस्वीर
सूर्योदय
से
ठीक
पहले
कैप्चर
की।
नासा
ने
शुरू
की
रिसर्च
मंगल
पर
देखी
गई
बादलों
की
आकृति
को
लेकर
नासा
के
एक्सपर्ट्स
ने
कहा
कि
ये
मार्स
पर
वातावरण
में
जमी
लाल
धूल
के
कणों
पर
जमी
हुई
बर्फ
हो
सकती
है,
जो
बदलों
जैसी
दिख
रही
है।
बता
दें
कि
मंगल
पर
नासा
का
रोवर
मिशन
(
Perseverance
Rover)
फरवरी
2021
में
मंगल
पर
लैंड
हुआ
था।
तब
से
इसके
तहत
मंगल
को
लेकर
अहम
खोज
जारी
है।
मिशन
के
तहत
रोवर
मंगल
के
कई
अहम
डेटा
भेजे।
मंगल
पर
अब
Perseverance
Rover
चट्टानों
के
नमूने
एकत्र
कर
रहा
है।
वहीं
रोवर
ने
मंगल
ग्रह
के
आकाश
में
बहते
बादलों
की
भी
तस्वीरें
कैप्चर
कर
लीं।
नासा
ने
शुरू
की
रिसर्च
मंगल
पर
दिखने
वाले
बादल
कार्बन
डाइऑक्साइड
और
धूल
के
कणों
से
बने
हो
सकते
हैं।
नासा
के
साइंटिस्ट्स
इसको
लेकर
शोध
कर
रहे
हैं।
इसके
लिए
स्पेस
एजेंसी
ने
नए
प्रोजेक्ट
की
शुरुआत
की
है।
जिसका
नाम
क्लाउडस्पॉटिंग
रख
गया
है।
साइंटिस्ट्स
मंगल
पर
दिखने
वाले
बादलों
को
लेकर
गहनता
से
अध्ययन
कर
रहे
हैं।
उम्मीद
की
जा
रही
है
कि
इसके
तहत
ग्रह
के
वातावरण
को
नजदीकी
से
समझन
का
मौका
मिलेगा।
Dusty
and
cold,
sure
–
but
Mars
has
a
certain,
raw
beauty.Dawn
at
the
Red
Planet,
with
high
clouds
floating
by.
Take
time
to
look
up.Full
image:
https://t.co/lOIB0GBraf
pic.twitter.com/bYreLdR2Fc—
NASA’s
Perseverance
Mars
Rover
(@NASAPersevere)
March
23,
2023
मंगल
पर
घर
के
लिए
कंक्रीट
मंगल
पर
जीवन
के
तलाश
एक
निर्णायक
दौर
में
है।
अब
तो
इस
बात
पर
भी
चर्चा
होने
लगी
है
वहां
घर
बनाने
के
लिए
किस
तरह
के
कंक्रीट
की
जरूरत
पड़ेगी।
हालांकि
इसे
धरती
से
ले
जाना
बेहद
मुश्किल
होगा,
लेकिन
ग्रह
भी
इसके
सब्स्टीट्यूट्स
खोजे
जा
सकते
हैं,
ऐसे
संभावना
है।
हाल
ही
में
साइंटिस्ट्स
ने
मंगल
की
सतह
पर
वातावरण
को
ध्यान
रखते
हुए
मजबूत
घर
बनाने
के
लिए
एक
खास
प्रयोग
किया
है।
जिसके
तहत
एक
खास
कंक्रीट
बनाया
है।
जिसे
साइंटिस्ट्स
ने
‘स्टारक्रीट’
(Starcrete)
नाम
दिया
है।
दावा
किया
जा
रहा
है
कि
इस
खास
मैटीरियल
(Cosmic
Concrete)
से
अगर
घर
बनाया
जाए
तो
वो
आम
सीमेंट
के
मुकाबले
दोगुना
मजबूत
होगा।
धरती
के
‘अनसुलझे
राज’
से
हटेगा
पर्दा!
470
करोड़
का
Satellite
तैयार,
NASA
और
ISRO
ने
कर
ली
प्लानिंग
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Mercury,
Venus,
Mars,
Uranus
और
Jupiter
होंगे
आपके
नजदीक,
28
March
को
दिखेगा
नजारा
|
वनइंडिया
हिंदी
स्टारक्रीट
में
क्या
है?
ये
दावा
इस
बल
पर
किया
जा
रहा
है
कि
स्टारक्रीट
मंगल
की
जलवायु
झेलने
में
सक्षम
है,
जिसकी
खोज
इंग्लैंड
के
मैनचेस्टर
विश्वविद्यालय
के
विशेषज्ञों
की
टीम
ने
तैयार
की
है।
इसे
पूरी
तरह
ग्रह
पर
मौसम
के
साथ
होने
वाले
जलवायु
परिवर्तन
को
ध्यान
में
रखकर
बनाया
है।
इसमें
मंगल
ग्रह
की
मिट्टी
,
आलू
स्टार्च
और
नमक
का
प्रयोग
किया
गया।
English summary
Strange shape seen from Red Planet are these clouds of Mars Scientists surprised