तेलंगाना सरकार इन दिनों राज्य के मंदिरों के पुनर्निमाण पर खूब ध्यान दे रही है। इसकी अगुवाई खुद सीएम के चंद्रशेखर राव कर रहे हैं। यही वजह है कि अध्यात्म से जुड़े लोग अब सीएम केसीआर को अध्यात्म का ट्रेंड सेटर कहने लगे हैं।
India
oi-Anjan Kumar Chaudhary


आईटी
इंडस्ट्री
में
हैदराबाद
दुनिया
भर
में
खुद
को
स्थापित
कर
चुका
है।
केसीआर
की
सरकार
में
इसका
विकास
लगातार
जारी
है
और
यह
महानगर
विकास
का
एक
मॉडल
बनकर
उभरा
है।
लेकिन,
साथ
ही
साथ
उनकी
सरकार
आध्यात्मिकता
को
भी
उतनी
ही
प्राथमिकता
दे
रही
है।
तेलंगाना
में
मंदिरों
का
एक
गौरवमयी
अतीत
रहा
है।
जिसे
अब
केसीआर
सरकार
नया
स्वरूप
दे
रही
है।
यही
वजह
है
कि
यदाद्री
मंदिर
के
पुनर्निमाण
की
चौतरफा
सराहना
हो
रही
है।
इसी
तरह
से
कोंडागट्टू
मंदिर
को
लेकर
भी
मुख्यमंत्री
के
चंद्रशेखर
राव
ने
बड़ा
फैसला
लिया
है।
शासन
के
विभिन्न
पहलुओं
में
सीएम
केसीआर
धर्मनिष्ठता
को
सहेजने
की
कोशिश
कर
रहे
हैं।
तेलंगाना
सरकार
की
ओर
से
लिए
गए
हालिया
फैसलों
से
स्वामीजी
इतने
प्रभावित
हुए
हैं
कि
उन्होंने
मुख्यमंत्री
को
प्रदेश
में
अध्यात्म
के
ट्रेंड
सेटर
बता
दिया
है।

यदाद्री
को
तिरुमला
की
तर्ज
पर
विकसित
करने
का
प्रयास
तेलंगाना
राज्य
बनने
के
बाद
से
ही
मुख्यमंत्री
केसीआर
की
सरकार
ने
प्रदेश
के
सभी
प्रमुख
मंदिरों
के
कायाकल्प
की
ओर
ध्यान
दिया
है।
प्रसिद्ध
यदाद्री
मंदिर
तो
पूरी
तरह
से
परिवर्तित
ही
किया
चुका
है।
इस
मंदिर
का
चप्पा-चप्पा
इसकी
अपनी
पहचान
और
भव्यता
के
अनुसार
ही
विशेष
प्रतीत
हो,
इसके
लिए
सीएम
ने
इसके
इतिहास,
इसकी
विशेषता
को
प्राथमिकता
के
साथ
सहेजने
और
संवारने
की
कोशिश
की
है।
वह
स्वयं
ही
कई
बार
यदाद्री
पहुंचे
और
मंदिर
के
पुनर्निमाण
के
कार्य
की
खुद
से
समीक्षा
करते
रहे।
यदाद्री
के
विकास
के
लिए
43
करोड़
रुपए
की
राशि
मंजूर
की
गई।
यदाद्री
लक्ष्मी
नरसिम्हा
स्वामी
मंदिर
परिसर
को
तिरुमला
की
तरह
पुनर्निर्मित
करने
का
फैसला
लिया
गया।
मंदिर
के
विमान
गोपुरा
के
निर्माण
के
लिए
सीएम
केसीआर
ने
16
किलो
सोने
का
दान
दिया।
उन्होंने
VTDA
के
2,157
एकड़
सौंपने
का
वादा
किया।
अधिकारियों
को
आदेश
दिए
गए
कि
इसमें
मंदिर
के
पुजारियों
और
कर्मचारियों
के
लिए
आवास
आवंटित
किया
जाए।
यदाद्री
में
ही
एक
हेलीपैड
बनाने
का
भी
फैसला
किया
गया
है।
100
एकड़
में
नृसिंह
अभ्यारण्य
विकसित
करने
का
भी
निर्णय
हो
चुका
है।

अंजनेय
स्वामी
मंदिर
के
विकास
पर
कुल
600
करोड़
रुपए
खर्च
होंगे
कोंडागट्टू
भी
तेलंगाना
के
प्रसिद्ध
मंदिरों
में
से
एक
है।
हाल
ही
मुख्यमंत्री
के
चंद्रशेखर
राव
कोंडागट्टू
के
अंजनेय
स्वामी
मंदिर
पहुंचे
थे।
यहां
भी
मंदिर
के
विकास
कार्यों
की
समीक्षा
की
गई।
मुख्यमंत्री
ने
स्पष्ट
किया
कि
फंडिंग
की
कोई
कमी
नहीं
होगी।
कोंडागट्टू
अंजनेय
स्वामी
मंदिर
का
विकास
एक
बहुत
ही
बड़ा
प्रोजेक्ट
है।
यहां
देश
का
सबसे
विशाल
हनुमान
परिसर
स्थित
है।
उन्होंने
सुझाव
दिया
कि
कोंडागट्टू
में
देश
का
भव्य
हनुमान
जयंती
आयोजित
होनी
चाहिए।
यहां
श्रद्धालु
बहुत
ही
आसानी
से
हनुमान
जी
की
दीक्षा
और
उनके
दर्शन
के
बारे
में
जान
सकेंगे।
मुख्यमंत्री
ने
घोषणा
की
कि
कोंडागट्टू
को
अतिरिक्त
500
करोड़
रुपए
दिए
जाएंगे।
गौरतलब
है
कि
कोंडागट्टू
के
लिए
बजट
में
पहले
ही
100
करोड़
रुपए
आवंटित
किए
जा
चुके
हैं।
यानि
कोंडागट्टू
मंदिर
के
विकास
पर
अब
कुल
600
करोड़
रुपए
खर्च
होंगे।

यूं
ही
नहीं
कहला
रहे
हैं
अध्यात्म
के
ट्रेंड
सेंटर
मुख्यमंत्री
के
चंद्रशेखर
राव
राज्य
में
मंदिरों
को
विकसित
और
भव्य
बनाने
के
लिए
बहुत
बड़ी
योजना
पर
काम
कर
रहे
हैं।
एक
प्रोजेक्ट
के
पूरा
होते
ही,
दूसरे
मंदिर
के
पुनर्निमाण
का
काम
हाथ
में
ले
लिया
जाता
है।
सरकार
प्रदेश
के
सभी
प्रसिद्ध
मंदिरों
का
विकास
करना
चाहती
है।
इसी
के
तहत
बासर
में
विकास
का
विशेष
कार्य
शुरू
किया
गया
है।
यहां
विद्या
की
देवी
मां
सरस्वती
का
प्रसिद्ध
मंदिर
है।
कोंडागट्टू
में
कुल
850
एकड़
में
मंदिर
के
विकास
और
विस्तार
काम
हो
रहा
है।
राज्य
के
मंत्री
केटीआर
ने
कहा
है
कि
वेमुलवाड़ा
का
विकास
भी
यादाद्री
के
श्रीलक्ष्मी
नरसिम्हा
मंदिर
की
तर्ज
पर
ही
किया
जाएगा।
वेमुलवाड़ा
को
दक्षिण
काशी
के
नाम
से
भी
जानते
हैं।
कोई
भी
कार्यक्रम
हो
केसीआर
उसकी
शुरुआत
यज्ञ
से
करते
हैं।
यही
वजह
है
कि
उन्हें
स्वामी
जी
ने
अध्यात्म
का
ट्रेंड
सेटर
कहकर
शुभकामाएं
दी
हैं
हैं।
इसे
भी
पढ़ें-
कमजोर
वर्गों
को
तेलंगाना
सरकार
ने
दी
2626
करोड़
रुपये
की
वित्तीय
सहायता
English summary
As much as the Chief Minister of Telangana KCR has paid attention to the development of the state, equally he is trying to re-develop the temples of the state