भारत 0, चीन 12.5, अमेरिका 65 और यूके 75… इस स्कोरिंग से गदगद है भारत, जानिए क्या है मामला

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नई दिल्ली: अमेरिका में एक और बैंक डूब गया है। पिछले दो महीने में देश में तीन बड़े बैंक डूब गए हैं। बैंकिंग संकट (Banking Crisis) के साथ-साथ देश में नकदी संकट (Cash Crisis) का भी खतरा पैदा हो गया है। वित्त मंत्री ने चेतावनी दी है कि अगर एक जून तक डेट सीलिंग यानी कर्ज की सीमा नहीं बढ़ाई गई तो अमेरिका अपने इतिहास में पहली बार डिफॉल्ट कर जाएगा। इससे देश में मंदी (Recession) की आशंका और बढ़ गई है। अमेरिका ही नहीं यूरोप के कई बड़े देश भी मंदी की आशंका में जी रहे हैं। इनमें फ्रांस, कनाडा, इटली, जर्मनी और फ्रांस शामिल हैं। इसके अलावा कनाडा, साउथ अफ्रीका, जापान, साउथ कोरिया, रूस और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भी मंदी की आशंका बढ़ गई है। सवाल यह है कि आखिर भारत में मंदी को लेकर क्या पूर्वानुमान है?World of Statistics के मुताबिक भारत में मंदी की कोई आशंका नहीं है। भारत बड़े देशों में एकमात्र देश है जहां मंदी की जीरो परसेंट संभावना है। हाल में आए आंकड़ों से इस बात की तस्दीक होती है कि भारत की इकॉनमी जोर पकड़ रही है। आईएमएफ के मुताबिक इस साल भी भारत की इकॉनमी दुनिया में सबसे तेजी से ग्रोथ करने वाली इकॉनमी होगी। अप्रैल में जीएसटी कलेक्शन के सारे रेकॉर्ड टूट गए हैं। साथ ही मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई भी चार महीने के टॉप पर पहुंच गया है। अधिकांश ऑटो कंपनियों की अप्रैल में बिक्री दमदार रही। ये सारे फैक्टर्स इस बात का संकेत है कि जहां दुनिया मंदी की आशंका में जी रही है वहीं भारत की इकॉनमी तेजी से बढ़ रही है।

मंदी की सबसे ज्यादा आशंका

दुनिया में मंदी की सबसे ज्यादा 75 फीसदी आशंका यूके में है। हाल में यूके की इकॉनमी में काफी उथलपुथल देखने को मिली है। वहां महंगाई कई दशक के चरम पर पहुंच गई है। इस लिस्ट में न्यूजीलैंड दूसरे नंबर पर है। वहां इस साल मंदी आने की 70 परसेंट आशंका है। अमेरिका 65 फीसदी आशंका के सात तीसरे नंबर पर है। देश में बैंकिंग संकट और नकदी संकट की आशंका से मंदी आने की संभावना कई गुना बढ़ गई है। अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी इकॉनमी है और अगर वह मंदी की चपेट में आती है तो इसके दुनियाभर में भयावह परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

यूरोप की सबसे बड़ी इकॉनमी जर्मनी, इटली और कनाडा में मंदी आने की आशंका 60 फीसदी है। इसी तरह फ्रांस में यह 50 फीसदी, साउथ अफ्रीका में 45 फीसदी, ऑस्ट्रेलिया में 40 फीसदी, रूस में 37.5 फीसदी, जापान में 35 फीसदी, साउथ कोरिया में 30 फीसदी और मेक्सिको में 27.5 फीसदी मंदी आने की संभावना है। स्पेन के मामले में यह 25 फीसदी, स्विट्जरलैंड में 20 फीसदी और ब्राजील में 15 फीसदी है। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकॉनमी चीन में इस साल मंदी आने की आशंका 12.5 परसेंट, सऊदी अरब में पांच परसेंट और इंडोनेशिया में दो फीसदी है।



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