क्या बात-बात पर चिढ़ने लगे हैं आप? ये संकेत दिखे तो समझ जाइए दिमाग को चाहिए ब्रेक

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Emotional Exhaustion: क्या आप खुद को कभी-कभी जरूरत से ज्यादा इमोशनल (Emotional) पाते हैं? क्या छोटी-छोटी सी बात पर रोना आ जाता है? बिना काम के ही जरूरत से ज्यादा थकान लग रही है? दिनभर में कुछ भी प्रोडक्टिव नहीं कर पा रहे हैं? इस तरह के संकेत मिलने पर आपको सावधान होने की आवश्यकता है. क्योंकि आप भावनात्मक थकान (Emotional Exhaustion) से गुजर रहे हैं. इसका मतलब आपके दिमाग के लिए यह ब्रेक टाइम है. ऐसी स्थिति में आप बेहद की तनाव की स्थिति से गुजरते हैं और किसी भी स्थिति में सही तरह से डील नहीं कर पाते हैं. इसका असल आपके करियर और पर्सनल लाइफ पर भी पड़ता है. आइए जानते हैं इसके लक्षण और ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए..

 

चिड़चिड़ापन

अगर आपको हर-हर छोटी-छोटी बातों पर चिड़चिड़ापन हो और बिना बात के ही गुस्सा कर रहे हैं. आप इमोशनली इतना ज्यादा स्ट्रेस हो चुके हैं कि जिससे आपको हर छोटी-छोटी बात परेशान करती है. ऐसे में आप अपने इमोशन पर कंट्रोल नहीं कर पाते हैं. 

 

किसी काम से नहीं मिलता मोटिवेशन

अगर आपको लगता है कि आपके पास कोई भी काम करने की प्रेरणा नहीं है यानी किसी तरह का एक्साइटमेंट नहीं है. आप मोटिवेट नहीं हो पा रहे हैं और आपका मन काम में नहीं लग रहा है, इसका असर यह होता है कि प्रोडक्टिविटी गिर जाती है. 

 

लगातार बेचैनी होना

अगर आप भावनात्मक रूप से थक चुके हैं तो आप लगातार बेचैन हो रहे हैं. आप बिना किसी बात के ही बेचैन हो जाते हैं और इसके साथ-साथ ही छोटी से छोटी बातों पर एंग्जाइटी और स्ट्रेस हो रहा है तो यह इमोशनल थकान के संकेत होते हैं.

 

आपको नहीं मिलती चैन की नींद

जब आप भावनात्मक रूप से थक जाते हैं तो इसका असर आपकी नींद पर भी होगा. अगर आप चैन की नींद नहीं सो पा रहे हैं या सोते समय आपकी नींद बार-बार खुल रही है तो भावनात्मक थकान का ही असर होता है. 

 

कटे-कटे रहना

भावनात्मक रूप से थका हुआ इंसान वो कहीं मौजूद होकर भी आसपास की चीजों पर ध्यान नहीं देता है. अगर लगातार आपके साथ ऐसा ही हो रहा है तो आप इस समस्या की जकड़ में हो. और आपको एक ब्रेक की जरुरत है. 

 

बिना बात के रोना

जब आप इस समस्या से जूझ रहे होते हैं तो आप अपनी भावनाओं पर कंट्रोल नहीं कर पाते हैं. छोटी से छोटी बात से आप परेशान हो जाते हैं. कई बार आपको रोना तक आ जाता है. आपको छोटी-छोटी बातों पर भी रोना आ जाता है.

 

भावनात्मक थकान कैसे बाहर निकलें

अगर भावनात्मक थकान से बाहर निकलना चाहते हैं तो हमे ब्रेक लेना जरूरी हो जाता है. ब्रेक लेने से आप हर चीज के बारे में सही से सोच पाएंगे और सही डिसीजन ले पाएंगे. वहीं, अगर आप इस कंडीशन में ब्रेक नहीं लेते हैं तो आपके लिए बहुत ही हानिकारक साबित हो सकता है. फिर आपका दिमाग चीजों पर फोकस नहीं कर पाएगा. इसलिए ऐसी स्थिति में एक ब्रेक लें और खुद को मोटिवेट करें.

 



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