अडानी ग्रीन एनर्जी का शेयर पांच फीसदी गिरावट के साथ 723.90 रुपये पर आ गया। यह इसका 52 हफ्ते का न्यूनतम स्तर है। पिछले साल 19 अप्रैल को यह 3,048.00 रुपये पर पहुंच गया था जो इसका एक साल का उच्चतम स्तर है। इसी तरह अडानी ट्रांसमिशन के शेयर की कीमत भी पांच फीसदी गिरावट के साथ 1186.15 रुपये रह गई। इसका उच्चतम स्तर 4,238.55 रुपये है। यह शेयर पिछले साल 16 सितंबर को इस मुकाम पर पहुंचा था। अडानी टोटल गैस का शेयर भी आज लोअर सर्किट पर पहुंच गया। यह पांच फीसदी की गिरावट के साथ 1258.25 रुपये पर आ गया। इसका 52 हफ्ते का उच्चतम स्तर 3,998.35 रुपये है। दिलचस्प बात है कि Hindenburg Research की रिपोर्ट आने से एक दिन पहले ही यह इस स्तर पर पहुंचा था।
क्यों आई गिरावट
ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) का शेयर भी 4.28 फीसदी गिरावट के साथ ट्रेड कर रहा था। अडानी पावर (Adani Power) में पांच फीसदी, अडानी विल्मर (Adani Wilmar) में 0.98 फीसदी, एसीसी (ACC) ने 1.85 फीसदी और एनडीटीवी (NDTV) में 3.81 फीसदी गिरावट आई है। अंबूजा सीमेंट्स (Ambuja Cements) में 1.12 फीसदी और अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन (APSEZ) का शेयर 0.25 फीसदी की तेजी आई है।
इस बीच इंडेक्स प्रोवाइडर MSCI ने अडानी ग्रुप के चार शेयरों के फ्री फ्लोट स्टेटस में कटौती कर दी है। एनालिस्ट्स का कहना है कि इससे इंडेक्स में उनका वेटेज कम हो सकता है। MSCI ने अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी टोटल गैस, अडानी ट्रांसमिशन और एसीसी के फ्री फ्लोट स्टेटस को कम कर दिया है। यह बदलाव एक मार्च से लागू होगा। MSCI के एमर्जिंग मार्केट्स इंडेक्स में इन चार कंपनियों का कंबाइंड वेटेज 0.4 परसेंट था। बाकी कंपनियों के फ्री फ्लोट स्टेटस में कोई कमी नहीं की गई है। फ्री फ्लोट किसी भी सिक्योरिटी का वह हिस्सा होता है जो इंटरनेशनल इनवेस्टर्स के लिए खरीद फरोख्त के लिए उपलब्ध होता है।