चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सेक्सुअल ओरिएंटेशन से किसी व्यक्ति की प्रोफेशनल लाइक पर कोई असर नहीं होता है। उन्होंने सौरभ कृपाल का बचाव किया है।
India
oi-Ankur Singh


सुप्रीम
कोर्ट
के
मुख्य
न्यायाधीश
डीवाई
चंद्रचूड़
ने
एक
बार
फिर
से
कॉलेजियम
सिस्टम
का
बचाव
किया
है।
उन्होंने
कहा
कि
हर
व्यवस्था
परफेक्ट
नहीं
होती
है,
लेकिन
यह
सर्वश्रेष्ठ
व्यवस्था
है
जिसे
न्यायपालिका
ने
तैयार
किया
है।
एक
कार्यक्रम
के
दौरा
बोलते
हुए
सीजेआई
ने
कहा
कि
समलैंगिक
वकील
को
जज
के
पद
पर
नियुक्त
किए
जाने
का
भी
बचाव
किया।
उन्होंने
कहा
कि
कोई
व्यक्ति
किस
लिंग
को
वरीयता
देता
है
इसका
बतौर
जज
उसके
फैसले
से
कोई
लेना-देना
नहिीं
है,
ना
ही
इससे
उस
व्यक्तिकी
की
बतौर
जज
क्षमता
प्रभावित
होती
है।
दरअसल
वरिष्ठ
वकील
सौरभ
कृपाल
दिल्ली
हाई
कोर्ट
का
जज
बनाने
की
सुप्रीम
कोर्ट
ने
दूसरी
बार
सिफारिश
की
है,
जिसको
लेकर
विवाद
खड़ा
हो
गया
है।
लेकिन
जस्टिस
डीवाई
चंद्रचूड
ने
इस
फैसले
का
बचाव
किया
है।
उन्होंने
कहा
कि
किसी
व्यक्ति
का
सेक्सुअल
ओरिएंटशन
क्या
है
उससे
उस
व्यक्ति
की
न्यायिक
क्षमता
पर
कोई
असर
नहीं
पड़ता
है।
यह
सच
है
कि
कोई
व्यक्ति
अपने
व्यक्ति
जीवन
के
हर
पहलू
को
सार्वजनिक
नहीं
कर
सकता
है।
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हुए
हालात
सीजेआई
ने
कहा
कि
आप
जिस
उम्मीदवार
(सौरभ
कृपाल)
की
बात
कर
रहे
हैं,
आईबी
की
रिपोर्ट
में
उनसे
जुड़ी
जो
भी
बातें
कही
गई
थीं,
वह
पहले
से
ही
सार्वजनिक
हैं।
उन्होंने
पहले
भी
सार्वजनिक
तौर
पर
अपने
सेक्सुअल
ओरिएंटेशन
के
बारे
में
बात
की
है।
ऐसे
में
जब
आईबी
ने
इस
बारे
में
सवाल
खड़ा
किया,
तो
यह
पहले
से
ही
विदित
था।
हम
आईबी
की
रिपोर्ट
की
जानकारियों
को
सार्वजनिक
नहीं
कर
रहे
हैं।
आईबी
की
रिपोर्ट
में
जो
बातें
हैं
उसे
हम
सार्वजनिक
नहीं
कर
सकते
हैं,
कोई
कह
सकता
है
कि
अगर
हम
उसे
सार्वजनिक
करते
हैं
तो
आप
यह
जानकारी
देने
वाले
सूत्र
को
खतरे
में
डाल
सकते
हैं।
यह
राष्ट्रीय
सुरक्षा
से
जुड़ा
मामला
है,
किसी
की
जान
खतरे
में
हो
सकती
है।
आईबी
की
रिपोर्ट
में
सेक्सुअल
ओरिएंटेशन
का
जिक्र
है,
जिसके
बारे
में
हर
किसी
को
जानकारी
है।
हमने
प्रस्ताव
में
यह
कहा
है
कि
किसी
व्यक्ति
की
सेक्सुअल
ओरिएंटेशन
उस
व्यक्ति
की
प्रोफेशनल
लाइफ
पर
कोई
असर
नहीं
डालती
है।
बता
दें
कि
जनवरी
माह
में
सुप्रीम
कोर्ट
की
कॉलेजियम
ने
कहा
था
कि
11
नवंबर
2021
को
सौरभ
कृपाल
को
दिल्ली
हाई
कोर्ट
का
जज
बनाने
की
सिफारिश
की
गई
थी,
लेकिन
केंद्र
सरकार
ने
इसे
खारिज
कर
दिया
था।
English summary
CJI DY Chandrachud defends Advocate Saurabh Kripal recommendation