गो फर्स्ट क्यों हुई दिवालिया? जानिए कैसे इंजन बनाने वाली अमेरिकी कंपनी के जुबां से फिरने पर आया ‘तूफान’

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नई दिल्ली: वित्तीय संकट से जूझ रही वाडिया समूह (Wadia Group) के स्वामित्व वाली गो फर्स्ट एयरलाइन (Go First Airlines) ने 2 और 3 मई के लिए अपनी सभी उड़ानों को रद्द कर दिया है। एयरलाइंस गो फर्स्ट (Go First) दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गई है। कंपनी ने एनसीएलटी (NCLT) में वॉलंटरी इनसॉल्वेंसी प्रॉसीडिंग (Voluntary insolvancy proceedings) के लिए एप्लिकेशन दी है। कंपनी ने कहा है कि उनके पास ना तो तेल है और ना ही पैसा। कंपनी के पास तेल कंपनियों का बकाया चुकाने तक का पैसा नहीं है। इसके बाद एयरलाइंस ने दो दिनों के लिए अपनी सभी उड़ानों को रद्द करने का फैसला किया।

क्यों दिवालिया हुआ गो फर्स्ट

फंड की भारी कमी के बाद गो फर्स्ट एयरलाइन ने अपनी उड़ानों को फिलहाल दो दिनों के लिए रोक दिया है। नकदी संकट से जूझ रही एयरलाइंस ने अमेरिकी इंजन कंपनी को इसके लिए दोषी बताया है। एयरलाइन ने कहा कि उनके बेड़े के 50 प्रतिशत विमानों का परिचालन ठप रहा। क्योंकि उन्हें अमेरिकी फर्म प्रैट एंड व्हिटनी से अतिरिक्त इंजन नहीं मिल रहे हैं। एयरलाइन कंपनी ने इंजनों की आपूर्ति में बाधा और विफल हो रहे इंजनों को कारण बताया। गो फर्स्ट एयरलाइन ने कहा कि अमेरिका की पीएंडडब्ल्यू इंटरनेशनल एयरो इंजन की आपूर्तियों में लगातार दिक्कतें आती रही। एयरलाइन ने कहा कि इंजन कंपनी पीएंडडब्ल्यू को 27 अप्रैल, 2023 तक कम से कम 10 स्पेयर लीज्ड इंजन और 10 और इंजन देने को कहा गया, लेकिन पीएंडडब्ल्यू ने आदेश का पालन नहीं किया। जिसका असर उसकी कमाई पर पड़ा है। विमानों का संचालन नहीं हो सका। कंपनी की ओर से भेजे जा रहे इंजनों के विफल होने की संख्या बढ़ती रही। विफल इंजनों की लगातार बढ़ती संख्या के कारण उन्हें उड़ानें बंद करनी पड़ीं। कंपनी की ओर से मिल रहे खराब इंजनों और वक्त पर सप्लाई न होने के कारण गो फर्स्ट के 50 फीसदी विमान ही ग्राउंड पर रहे। जिसका नुकसान उन्हें हुआ है। कंपनी ने इस स्थिति को लेकर कहा की पीएंडडब्लू विमान इंजनों की मरम्मत और पार्ट्स मुहैया कराने में नाकाम रहा। जिसकी वजह ने उनके 50 फीसदी विमान खड़े हो गए। विमानों का परिचालन बाधित होता रहा। परिचालन का खर्च बढ़ता रहा।

ये वजह भी कम नहीं

  • एयरलाइन के मैनेंजमेंट में लगातार हो रहे बदलाव भी कंपनी की खराब होती हालात का जिम्मेदार है।
  • एयरलाइन के पास फंड की कमी रही।
  • पिछले कुछ महीनों से गो फर्स्ट के आधे विमान ही गाउंड पर रहे।
  • प्रैट एंड व्हिटनी की ओर से इंजन सप्लाई में बाधा आती रही।
  • गो फर्स्ट के पास 61 विमान हैं, जबकि इंडिगो के पास 310

गो फर्स्ट को नोटिस

गो फर्स्ट की कमाई लगातार घटती रही है। विमान इंजन की आपूर्ति में आ रही बाधा के चलते एयरलाइंस अपने पूरे विमानों का संचालन नहीं कर पाया। पर्याप्त विमान नहीं होने से एविएशन सेक्टर की कमाई तेजी से घटी। जिसका असर सीधे तौर पर एयरलाइंस के फंड पर पड़ा। विमान सेवा रोकने पर DGCA ने गो फर्स्ट को नोटिस भेजा है। 24 घंटे के भीतर एयरलाइन से जवाब मांगा गया है। वहीं नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि एयरलाइन को बचाने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने कहा कि गो फर्स्ट इंजन आपूर्ति से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रही है। इस मामले में सरकार हरसंभव तरीके से एयरलाइन की मदद करती रही है। वहीं .गो फर्स्ट ने कहा कि अगर पीएंडडब्ल्यू इंजन सप्लाई को पूरा करती है तो एयरलाइन फिर से अगस्त-सितंबर 2023 अपने पूरे परिचालन से साथ लौट जाएगी।

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