जब बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहा था मालदीव, भारत नहीं होता तो मिट गया होता…

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Operation Neer: साल था 2014, मालदीव एक भयंकर संकट से गुजर रहा था. वजह, राजधानी माले का एकलौता वाटर डिस्टिलेशन प्लांट (Water Distillation Plant) का खराब होना. उसमें आग लग गई थी और पूरा देश पीने के पानी की संकट से जूझने लगा था. इस प्लांट के अलावा चौतरफा समंदर से घिरे इस आइलैंड देश के पास मदद के लिए कुछ नहीं था. सिर्फ एक ऑप्शन बचा था- पड़ोसी देशों से मदद की गुहार. श्रीलंका और चीन भी मदद के लिए आए थे, और इसी क्रम में भारत ने तेजी शुरू कर दी ‘ऑपरेशन नीर’. भारत ने न केवल मदद की बल्कि देश को संकट से भी उबारा.

मालदीव में आए इस पेय जल संकट में रोजाना 100 टन पानी की जरूरत थी. मदद के लिए भारत के अलावा, चीन, अमेरिका और श्रीलंका भी आगे आए थे. शुरुआती 12 घंटे काफी क्रिटीकल थे. उस भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज थीं और विदेश सचिव एस जयशंकर. मालदीव के विदेश मंत्री ने पेयजल संकट और देश में मचे त्राहीमाम के बारे में स्वराज को अवगत कराया. तब उन्होंने कहा चिंता न करें, जल्द ही मदद पहुंच जायेगी. और फिर शुरू हुआ भारत का ‘ऑपरेशन नीर.’

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ऑपरेशन नीर
12 घंटे के अंदर भारतीय वायुसेना के C17 ग्लोब मास्टर-3 और IL-76 विमान 375 टन पीने के पानी लेकर पहुंचे. इसके बाद नौसेना के आईएनएस दीपक और आईएनएस सुकन्या मालदीव के लोगों के दबाव को कम करते हुए लगभग 2000 टन पानी पहुंचाया. आईएनएस सुकन्या रोजाना 20 टन पानी साफ कर देशवासियों की मदद की.

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ऑपरेशन नीर के दौरान की कुछ खास लम्हें.

रेल नीर ने भी की मदद
मालदीव सरकार के अनुरोध के आधार पर, भारतीय वायुसेना ने तत्परता से प्रतिक्रिया दी और दिल्ली से अराक्कोनम और उसके बाद माले तक पैकेज्ड पानी पहुंचाने के लिए तीन सी-17 और तीन आईएल-76 विमान तैनात किए. 05-07 सितंबर 14 के बीच, IAF ने माले तक 374 टन पीने का पानी पहुंचाया.

भारत ने कब-कब की मदद
*ऑपरेशन कैक्टस- साल 1988 में मालदीव में मचे विद्रोह को दबाने और सरकार की मदद के लिए भारत की सेना ने ऑरेशन कैक्टस चलाया था. श्रीलंका के पीपुल्स लिबरेशन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ़ तमिल ईलम) के भाड़े के लड़ाकुओं ने देश में भारी तबाही मचाया था.

*ऑपरेशन सी वेव्स- 26 दिसंबर 2004 में आए भयानक सुनामी से मालदीव में काफी लोगों की मौत हुई थी, इस बार भी भारत के टरक्षक डोर्नियर विमान और वायु सेना के दो एवरोस विमान राहत सामग्री लेकर 24 घंटे के अंदर माले पहुंचे.

*कोविड-इसके बाद साल 2014 में ऑपरेशन नीर के अलावा 2021 के कोविड के दौरान भारत ने विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर के नेतृत्व में बड़ी मेडिकल टीम भेजी, जिसमें पल्मोनोलॉजिस्ट, एनेस्थेटिस्ट, चिकित्सक और लैब-तकनीशियन शामिल थे.

Tags: Lakshadweep, Maldives, PM Modi



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