![काम की खबर: EPFO के बढ़े हुए ब्याज का लेना है फायदा तो बढ़ाएं कॉन्ट्रिब्यूशन, तेजी से जमा होगा मोटा फंड - Epfo 8 25 percent interest rate hike take benefit of increased interest of EPFO invest Voluntary Provident Fund 1 14 02 2024 voluntary provident fund](https://img.naidunia.com/naidunia/ndnimg/14022024/14_02_2024-voluntary_provident_fund.jpg)
Voluntary Provident Fund: ईपीएफओ द्वारा हाल ही में ब्याज को बढ़ाया गया है। अब मेंबर्स को 0.10 फीसदी ज्यादा ब्याज मिलेगा। मतलब अब पीएफ खाते पर 8.25 फीसदी ब्याज दर का फायदा ले पाएंगे।
By Kushagra Valuskar
Publish Date: Wed, 14 Feb 2024 04:23 PM (IST)
Updated Date: Wed, 14 Feb 2024 04:24 PM (IST)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Voluntary Provident Fund: अगर आप नौकरीपेशा हैं तो कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में कॉन्ट्रिब्यूशन जरूर करते होंगे। हर महीने सैलरी से 12 फीसदी रकम ईपीएफ खाते में जमा होती है। इतना ही राशि कंपनी द्वारा अकाउंट में डाली जाती है। ईपीएफ में ब्याज अच्छा दिया जाता है। जिसके जरिए कर्मचारी रिटायरमेंट फंड और पेंशन का इंतजाम करते हैं।
ईपीएफओ द्वारा हाल ही में ब्याज को बढ़ाया गया है। अब मेंबर्स को 0.10 फीसदी ज्यादा ब्याज मिलेगा। मतलब अब पीएफ खाते पर 8.25 फीसदी ब्याज दर का फायदा ले पाएंगे। अगर आप ईपीएफ की बढ़ी हुई ब्याज दरों का फायदा लेना चाहतें हैं तो आपको अपना योगदान बढ़ा देना चाहिए।
कैसे बढ़ाएं ईपीएफ में कॉन्ट्रिब्यूशन?
यदि आप ईपीएफ में योगदान बढ़ाना चाहते हैं, तो ये काम वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड के जरिए कर सकते हैं। कोई भी ईपीएफओ सदस्य वीपीएफ में कॉन्ट्रिब्यूशन की सुविधा का लाभ उठा सकता है। इसमें पैसे जमा करने की कोई सीमा नहीं है। कर्मचारी चाहे तो बेसिक वेतन का 100 फीसदी तक जमा कर सकता है।
वीपीएफ में निवेश कैसे करें?
वीपीएफ में निवेश का तरीका वैसा ही है जो ईपीएफ में जमा करना होता है। आप वीपीएफ खाता ईपीएफ के साथ खुलवा सकते हैं। आपकी कितना योगदान बढ़ाना है। इसके लिए एक फॉर्म भरकर एचआर को देना होगा। इसके बाद ईपीएफ अकाउंट के साथ वीपीएफ खाते की प्रोसेस पूरी की जाएगी। इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद वीपीएफ में अपनी सैलरी से राशि कटवा सकते हैं। वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड में कम से कम पांच साल तक पैसा जमा करना अनिवार्य है।
लॉक-इन पीरियड और फायदा
वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड का लॉक इन पीरियड पांच साल का है। तय अवधि के बाद निकासी पर टैक्स नहीं लगता है। इससे पहले पैसा निकालने पर टैक्स चुकाना होगा। वीपीएफ के ब्याज और निकासी की रकम टैक्स मुक्त होती है। इसमें आयकर कानून की धारा 80सी के तहत छूट का फायदा मिलता है। वहीं, वीपीएफ खाते को ईपीएफ की तरह ट्रांसफर भी किया जा सकता है।