टाटा कंज्यूमर प्रॉडक्ट्स ने स्टॉक एक्सचेंज को दी जानकारी में बताया कि उसने बिस्लेरी के साथ संभावित ट्रांजैक्शन के लिए की जा रही बातचीत खत्म कर दी है। कंपनी ने इस बारे में कोई एग्रीमेंट या बाइंडिंग कमिटमेंट नहीं किया है। टाटा कंज्यूमर प्रॉडक्ट्स के पास हिमालयन नेदचुरल मिनरल वॉटर और टाटा वॉटर प्लस ब्रांड्स हैं। बिस्लेरी को खरीदने से पैकेज्ड वॉटर ब्रांड्स में उसका पोर्टफोलियो मजबूत होता। कंपनी एफएमसीजी में तेजी से अपना कारोबार बढ़ा रही है और इस सेक्टर में टॉप तीन में आना चाहती है। दूसरी ओर मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की रिलायंस (Reliance Industries) भी एफएमसीजी सेक्टर में आक्रामक तरीके से बिजनस बढ़ा रही है।
क्या कहा था रमेश चौहान ने
बिस्लेरी को खरीदने से टाटा एक झटके में पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर सेगमेंट में लीडर बन जाता। मीडिया खबरों के मुताबिक रिलायंस रिटेल, नेस्ले और डेनन ने भी इसमें दिलचस्पी दिखाई थी। टाटा के साथ बिस्लेरी की बातचीत दो साल से चल रही थी। नवबंर में बिस्लेरी के चेयरमैन रमेश चौहान ने कहा था कि उन्होंने अपनी कंपनी को टाटा को बेचने का मन बना लिया है। उन्होंने टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन और टाटा कंज्यूमर के सीईओ सुनील डिसूजा से मिलने के बाद यह बात कही थी।
चौहान कंपनी का रोजाना का काम प्रोफेशनल टीम को सौंप चुके हैं। एंजेलो जॉर्ज कंपनी के सीईओ हैं। फाइनेंशियल ईयर 2023 में कंपनी का टर्नओवर 2,500 करोड़ रुपये और प्रॉफिट 220 करोड़ रहने की संभावना है। बिस्लेरी की स्थापना इटैलियन ब्रांड के रूप में हुई थी। कंपनी ने 1965 में भारत में बिजनस शुरू किया था। चौहान ने 1969 में इसे खरीदा था। कंपनी के 122 ऑपरेशनल प्लांट्स हैं। उसके पास भारत और पड़ोसी देशों में 4,500 डिस्ट्रीब्यूटर्स और करीब 5,000 ट्रक हैं। चौहान ने अपने सॉफ्ट ड्रिंक ब्रांड्स थम्स अप, गोल्ड स्पॉट और लिमका 1993 में कोककोला को बेच दिए थे।