Sports News: IPL की चकाचौंध में खोए सितारे, घरेलू क्रिकेट से अब भी दूर…. – Sports News First class cricketers are no longer the priority stars lost in the glare of IPL still away from domestic cricket

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पूर्व अंतरराष्ट्रीय अंपायर और बीसीसीआई के अंपायर एजुकेटर राजीव रिसोडकर बताते हैं कि आंकड़ों पर नजर डालें तो हैरानी होती है कि थोड़ा सा नाम कमाने के बाद क्रिकेटर घरेलू क्रिकेट से कन्नी काटने लगते हैं। यदि खेलते भी है तो अपनी सुविधा अनुसार सिर्फ चुनिंदा मैच।

रेड बाल के बजाए खिलाड़ी व्हाइट बाल क्रिकेट को तवज्जो दे रहे हैं। जाहिर है उनका लक्ष्य आईपीएल है। मैचों से दूरी के लिए फिटनेस का बहाना आम हो चला है। आईपीएल फ्रेंचाइजी के प्रभाव के बीच घरेलू क्रिकेट को नजरअंदाज करने वाले क्रिकेटरों पर सख्ती कैसे होगी, यह देखना रोचक होगा।

क्रिकेट के सांख्यिकीविद रिसोडकर बताते हैं, वर्तमान में 10 आईपीएल टीमों में 245 अनुबंधित खिलाड़ी हैं। इनमें से 80 खिलाड़ी विदेशी हैं जबकि शेष 165 भारतीय हैं। 16 फरवरी से रणजी ट्रॉफी का सातवां चरण प्रारंभ हुआ है। अब भी कई क्रिकेटर देश की शीर्ष घरेलू स्पर्धा से दूर हैं। हालांकि कुछ खिलाड़ियों को रणजी टीम में चुना नहीं गया जबकि कुछ को मैदान में उतरने का मौका नहीं मिला।

दिग्गजों की घरेलू क्रिकेट से दूरी

महेंद्र सिंह धोनी और शिखर धवन ने घरेलू क्रिकेट में कोई स्पर्धा नहीं खेली। धोनी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं। दिनेश कार्तिक ने तमिलनाडु के कप्तान के रूप में सिर्फ घरेलू वनडे स्पर्धा खेली। वहीं हरियाणा से खेलने वाले अमित मिश्रा और मोहित शर्मा ने सिर्फ टी-20 मैच खेले हैं।

इन्होंने कोई मैच नहीं खेला

आईपीएल में गुजरात टाइटंस द्वारा 3.6 करोड़ रुपये में खरीदे गए झारखंड के विकेटकीपर बल्लेबाज रॉबिन मिंज का कोई मैच नहीं खेलना हैरान करता है। उनके अलावा हिमांशु शर्मा, प्रिंस चौधरी, जत्वेद सुब्रह्मण्यम जैसे नाम हैं जो आईपीएल की सूची में हैं, लेकिन घरेलू प्रथमश्रेणी क्रिकेट से नदारद हैं।

लंबे समय से घरेलू क्रिकेट से दूर

मुंबई इंडियंस से खेलने वाले ईशान किशन नवंबर 2023 से घरेलू क्रिकेट से दूर हैं। भारतीय टीम से बाहर होने के बाद भी अपने राज्य झारखंड के लिए प्रथमश्रेणी मैच नहीं खेलना आश्चर्यजनक है। उनके अलावा मुहम्मद शमी नवंबर 2023 से, हार्दिक पांड्या अक्टूबर 2023 से, शिवम मावी अगस्त 2023 से, मुकेश चौधरी दिसंबर 2022 से, दीपक चाहर दिसंबर 2023 से, सूर्यकुमार यादव दिसंबर 2023 से, हरप्रीत सिंह भाटिया दिसंबर 2023 से और साकिब हुसैन वर्ष 2022 से रणजी मैच नहीं खेले हैं।

इस सूची में रुतुराज गायकवाड़ और चेतन सकारिया का नाम भी है जिन्होंने लंबे समय से अपनी राज्य टीम का प्रतिनिधित्व नहीं किया था। मगर बीसीसीआई की सख्ती के बाद सिर्फ ये दोनों खिलाड़ी शुक्रवार से प्रारंभ हुए सातवें दौर में अपनी टीम को सेवाएं देने उतरे।

सफेद गेंद क्रिकेट का बढ़ता आकर्षण

क्रिकेट में श्रेष्ठता का पैमाना रेड बॉल क्रिकेट को माना जाता है, लेकिन भारतीय खिलाड़ियों में अब आकर्षण पैसों का बढ़ा है। यही कारण है कि खिलाड़ी सफेद गेंद क्रिकेट को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं। रिसोडकर बताते हैं कि बहुत बड़ी संख्या ऐसे खिलाड़ियों की है जो घरेलू क्रिकेट के नाम पर सिर्फ सफेद गेंद क्रिकेट खेल रहे हैं।

इनमें क्रुणाल पांड्या, युजवेंद्र चहल जैसे बड़े नाम शामिल हैं। इनके अलावा स्वास्तिक चिकारा, मोहसिन खान, प्रवीण दुबे, रसिक सलाम, राजवर्धन हंगर्गेकर, सौरव चव्हाण,सुयश शर्मा, वरुण चक्रवर्ती, हरप्रीत बरार, ललित यादव, पीयूष चावला, अर्शद खान, कृष्णप्पा गौतम, मयंक यादव, युद्धवीर सिंह, अभिनव मनोहर और शाहरुख खान सिर्फ सफेद गेंद क्रिकेट ही खेले हैं।

सुविधानुसार मैच खेलने का हठ

बड़ा नाम होने पर खिलाड़ी अपनी राज्य टीम पर प्रभाव का इस्तेमाल करते हैं और सुविधानुसार चुनिंदा मैच खेलते हैं। इनमें तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा जैसे नाम हैं जो दिल्ली के बाहर मैच खेलने से बचते रहे हैं। उनके अलावा भुवनेश्वर कुमार ने सिर्फ दो रणजी मैच खेले हैं।

शार्दुल ठाकुर ने गुरुवार को दूसरे मैच में प्रतिनिधित्व किया। नवदीप सैनी ने इस सत्र में सिर्फ दो रणजी मैच खेले हैं जबकि कार्तिक त्यागी और राहुल चाहर ने एक-एक मैच ही खेला। शाहबाज अहमद और तुषार देशपांडे आज दूसरा मैच खेलने उतरे। वहीं पृथ्वी शा ने तीसरे मैच में मैदान संभाला।

इन खिलाड़ियों ने प्रथमश्रेणी क्रिकेट को दी प्राथमिकता

ऐसा नहीं है कि सभी खिलाड़ियों ने घरेलू क्रिकेट से दूरी बनाई। कई ऐसे भी थे जिनकी प्राथमिकता में प्रथमश्रेणी क्रिकेट शामिल रहा। इनमें उमेश यादव, मनीष पांडे, वेंकटेश अय्यर, ऋषि धवन, अजिंक्य रहाणे, चेतेश्वर पुजारा, शिवम दुबे, दीपक हुड्डा, देवदत्त पड्डीकल, राहुल तेवतिया, रिद्धिमान साहा और विजय शंकर जैसे नाम शामिल हैं।



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