![Paytm के बाद फिनटेक सेक्टर पर सख्ती करने की योजना नहीं बना रहा RBI 1](https://c.ndtvimg.com/2024-02/g55criig_large_625x300_01_February_24.jpg)
Bloomberg की रिपोर्ट में RBI के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर (एंफोर्समेंट), P Vasudevan के हवाल से बताया गया है कि फिनटेक सेक्टर के लिए कड़े नियम नहीं लागू किए जा रहे। उनका कहना था कि RBI चाहता है कि ये कंपनियां खुद से रेगुलेशन करें। हालांकि, इस सेक्टर से डेटा प्राइवेसी पर नियमों का पालन करने की उम्मीद है। इस सेक्टर की बड़ी कंपनियों में से एक Paytm पर RBI ने शिकंजा कसा है। इसके पेमेंट्स ऐप और बैंकिंग यूनिट के बीच संदिग्ध ट्रांजैक्शंस को लेकर कई बार चेतावनी देने के बाद Paytm Payments Bank के लाइसेंस को कैंसल करने का फैसला किया है। इसके बाद पेमेंट्स सर्विसेज से जुड़ी कंपनियों को कड़े रूल्स लागू किए जाने की आशंका है।
इस महीने की शुरुआत में RBI के गवर्नर Shaktikanta Das ने कहा था कि RBI चाहता है कि इस सेक्टर की कंपनियां ग्रोथ करें। हालांकि, क्रिप्टो सेगमेंट को लेकर RBI की पोजिशन में बदलाव नहीं हुआ है। पिछले वर्ष RBI ने इस सेगमेंट पर बैन लगाने की मांग को दोहराया था। पिछले कुछ वर्षों में इस सेगमेंट से जुड़े स्कैम के कई मामले भी हुए है।
दास ने कहा था, “क्रिप्टो पर हमने स्थिति कई बार स्पष्ट की है और हम उस पर कायम हैं। IMF-FSB के सिंथिसिस पेपर में भी क्रिप्टो में रिस्क की जानकारी दी गई है। रेगुलेशन शून्य से 10 के स्केल पर होता है। शून्य रेगुलेशन का मतलब होगा कि कोई रेगुलेशन नहीं है और यह सभी के लिए खुला है और 10 का मतलब है कि आप इसकी अनुमति नहीं देते। FSB को रेगुलेशन को लेकर सतर्कता से कार्य करने की जरूरत है।” इस पेपर में क्रिप्टोकरेंसीज से जुड़ी एक्टिविटीज पर पूरी तरह बैन लगाने के खिलाफ दलील दी गई है। इसमें कहा गया है कि इस तरह का कदम महंगा पड़ सकता है और इसे लागू करना तकनीकी तौर पर मुश्किल होगा। क्रिप्टो सेगमेंट को लेकर कुछ अन्य देशों में रेगुलेटर भी चेतावनी दे चुके हैं.
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