रिपोर्ट के अनुसार, आरबीआई ने एक बयान में कहा कि यह कदम ऑडिट रिपोर्ट के बाद उठाया गया है। ऑडिट में सामने आया है कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक में लगातार नियमों की अनदेखी की गई। दो साल पहले आरबीआई ने 11 मार्च 2022 को पेटीएम पेमेंट्स बैंक को नए कस्टमर जोड़ने से रोक दिया था।
हालांकि रिजर्व बैंक ने साफ किया है कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक के ग्राहक अपने सेविंग अकाउंट, करंट अकाउंट, फास्टैग, नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) समेत अन्य अकाउंट में जमा पैसों को निकाल सकते हैं या उन्हें इस्तेमाल कर सकते हैं।
गौरतलब है कि पेटीएम का मालिकाना हक वन97 कम्युनिकेशंस के पास है, जबकि पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड एक अलग कंपनी है, जिमसें वन97 कम्युनिकेशंस की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
सोर्सेज से यह भी पता चला है कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) के पास लाखों की संख्या में गैर-केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) अकाउंट थे और हजारों मामलों में कई अकाउंट्स खोलने के लिए एक ही पैन का इस्तेमाल किया गया था। ऑडिट में करोड़ों रुपये के लेनदेन का भी पता चला है, जिसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी चिंताएं बढ़ गई हैं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, ईडी इस मामले में जांच कर सकता है।
एक एक्सपर्ट के हवाले से बताया गया है कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक के पास करीब 35 करोड़ ई-वॉलेट हैं। इनमें से लगभग 31 करोड़ निष्क्रिय हैं। सिर्फ चार करोड़ ई-वॉलेट ही एक्टिव होंगे, वह भी बहुत कम जमा रकम के साथ। सोर्सेज के हवाले से कहा गया है कि निष्क्रिय खातों का उपयोग फर्जी खातों के लिए किए जाने की आशंका है। केवाईसी में भी अनियमितताएं हुईं हैं।