पंकज उधास जमींदार परिवार से ताल्लुक रखते थे। उनका जन्म 17 मई 1951 के जेतपुर में हुआ था। वे तीन भाईयों में सबसे छोटे थे।
By Arvind Dubey
Publish Date: Mon, 26 Feb 2024 06:00 PM (IST)
Updated Date: Mon, 26 Feb 2024 06:00 PM (IST)
HighLights
- पंकज के निधन की खबर से इंडस्ट्री में शोक की लहर छा गई है।
- उन्होंने अपने 36 साल के गायिकी करियर में कई शानदार गाने दिए हैं।
- उनके सबसे बड़े भाई मनहार उधास भी सिनेमा जगत के फेमस गायक थे।
एंटरटेनमेंट डेस्क, इंदौर। Pankaj Udhas Death: अपनी शानदार आवाज से लोगों के दिलों पर राज करने वाले बेहतरीन गजल गायक पंकज उधास अब इस दुनिया में नहीं रहे। लंबी बीमारी के बाद आज पंकज का निधन हो गया है। 72 साल की उम्र में उन्होंने आखिरी सांस ली। इस बात की जानकारी उनके परिवार ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए दी है। गजल की दुनिया में अपना जादू बिखेरने वाले पंकज के निधन की खबर से इंडस्ट्री में शोक की लहर छा गई है। उन्होंने अपने 36 साल के गायिकी करियर में कई शानदार गाने दिए हैं।
बड़े भाई को देख लगा था गाने का चस्का
पंकज उधास जमींदार परिवार से ताल्लुक रखते थे। उनका जन्म 17 मई 1951 के जेतपुर में हुआ था। वे तीन भाईयों में सबसे छोटे थे। उनके सबसे बड़े भाई मनहार उधास भी सिनेमा जगत के फेमस गायक थे। उनके दूसरे भाई निर्मल उधास भी जाने-माने गजल गायक थे। पंकज उधास को अपने बड़े भाई मनहार की तरह ही गायिकी में करियर बनाना था। मनहार जब एक स्टेज परफॉर्मर हुआ करते थे, तब पंकज की उम्र सिर्फ 5 साल थी। वे अपने भाई को गाता देखते थे, तो उन्हें भी गायक बनने की इच्छा हुई। इसके बाद उनके पिता ने उन्हें भी एक म्यूजिक इंस्टीट्यूट में डाल दिया।
पढ़ाई के साथ-साथ जारी रखी गायिकी
साल 1962 में इंडो चाइना युद्ध के दौरान पंकज उधास ने पहली बार स्टेज पर लाइव परफॉर्मेंस दिया था। उन्होंने ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ गीत गाया था। इस गीत को पंकज की आवाज में उस समय काफी पसंद किया गया था। उन्हें लोगों ने 51 रुपये भेंट किए थे। संगीत नृत्य एकेडमी से पंकज ने चार साल तक पढ़ाई की। गायिकी के साथ-साथ पंकज ने अपनी पढ़ाई पूरी की। वे अपने कॉलेज के प्रोग्राम में भी गाया करते थे। इसके बाद उन्होंने बॉलीवुड में अपना करियर शुरू किया। उस समय इंडस्ट्री में मोहम्मद रफी, किशोर कुमार और मुकेश पहले से ही राज कर रहे थे। प्लेबैक सिंगिंग में बात नहीं बनी, तो पंकज ने गजल में हाथ जमाया और उर्दू सीखी।
एक ही फिल्म ने पलट दी थी किस्मत
कई सालों तक संघर्ष करने के बाद वे कनाडा शिफ्ट हो गए। जब उन्हें यहां कुछ स्टेज परफॉर्मेंस में सफलता मिली, तो वे दोबारा भारत आए और फिर अपनी जर्नी शुरू की। साल 1980 में फिल्म आहट से पंकज ने बतौर गजल गायक अपना करियर शुरू किया। 6 सालों तक उन्होंने कई गाने गाए और खूब फेम कमाई। साल 1986 में उन्होंने फिल्म ‘नाम’ से अपनी पहचान बनाई। फिल्म के गाने ‘चिट्ठी आई है’ ने काफी फेमस कर दिया था। इसके बाद उन्हें कई सुपरहिट गाने और गजल गाने को मिले।