केरल HC ने मलयालम अभिनेता Unni Mukundan से जुड़े उत्पीड़न मामले में सुनवाई पर लगी रोक हटा दी

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केरल उच्च न्यायालय ने एक महिला की गरिमा भंग करने के मामले में मलयालम फिल्म अभिनेता उन्नी मुकुंदन के खिलाफ निचली अदालत में मुकदमा चलाने पर लगाई गई रोक बृहस्पतिवार को हटा दी। उच्च न्यायालय ने महिला की याचिका पर यह फैसला लिया।

कोच्चि। केरल उच्च न्यायालय ने एक महिला की गरिमा भंग करने के मामले में मलयालम फिल्म अभिनेता उन्नी मुकुंदन के खिलाफ निचली अदालत में मुकदमा चलाने पर लगाई गई रोक बृहस्पतिवार को हटा दी।
उच्च न्यायालय ने महिला की याचिका पर यह फैसला लिया। महिला ने दावा किया कि अभिनेता ने मामले में एक झूठा हलफनामा दाखिल कर अदालत को गुमराह किया था जिसके बाद मामले में अंतरिम रोक लगायी गयी थी।
अदालत ने कहा कि अगर झूठा हलफनामा दायर करके रोक का आदेश हासिल किया गया था तो ‘‘बहुत गंभीर’’ मामला है।
अदालत ने मुकुंदन को मामले में जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश भी दिया।

2021 में मजिस्ट्रेट अदालत में कार्यवाही पर रोक लगाते हुए, न्यायमूर्ति गोपीनाथ की उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने कहा था “याचिकाकर्ता (अभिनेता मुकुंदन) के विद्वान वकील (किदंगूर) ने कहा कि दूसरी प्रतिवादी (महिला) ने याचिकाकर्ता को सूचित किया कि वह शिकायत के साथ आगे बढ़ने का इरादा नहीं है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि कार्यवाही एक निजी शिकायत के आधार पर शुरू की गई थी और मामले के सभी तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, एक अंतरिम स्थगन आदेश दिया जाएगा जैसा कि प्रार्थना की गई थी।” तब से, अदालत स्थगन आदेश का विस्तार कर रही है।

शिकायतकर्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा कि अगर दोनों पक्षों के बीच समझौते के झूठे दावे के आरोप सही हैं, तो मुकुंदन का कृत्य जालसाजी की श्रेणी में आएगा, जो एक आपराधिक अपराध है। अदालत ने मुकुंदन को इस आरोप पर एक जवाबी हलफनामा जमा करने का निर्देश दिया कि 2021 में अदालत में एक जाली समझौता दस्तावेज प्रस्तुत किया गया था। अदालत ने मामले को 17 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया।

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