IFS Success Story: Delhi University में प्रिंसिपल मां ने दिया हौंसला, चौथे प्रयास में IFS बनी स्वाति शर्मा

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IFS Success Story: स्वाति शर्मा की मां डीयू के श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज में प्रिंसिपल हैं, जिन्होंने अपनी बेटी को हौंसला नहीं हारने दिया। बेटी स्वाति पिछले तीन प्रयासों में अपने सपने को पूरा करने में असफल रही, लेकिन चौथे प्रयास में वह आईएफएस अधिकारी बन गईं। तो, आइये जानते हैं स्वाती शर्मा की पूरी कहानी। 

Kishan Kumar
आईएफएस स्वाति शर्मा

आईएफएस स्वाति शर्मा

IFS Success Story: संघ लोक सेवा आयोग(UPSC) सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन हर साल किया जाता है। हर साल लाखों युवा इस परीक्षा के माध्यम से अपने सपनों को पंख लगाने की कोशिश करते हैं, लेकिन इस उड़ान के बीच में ही कुछ युवा वापस जमीन पर आ जाते हैं और फिर से उड़ने की हिम्मत नहीं करते। हालांकि, कुछ युवा ऐसे भी होते हैं, जो बार-बार जमीन पर आने के बाद भी उड़ने का हौंसला नहीं खोते और बार-बार उड़ान भरने का प्रयास करते हैं और सफल भी हो जाते हैं। आज हम आपको स्वाती शर्मा की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने सिविल सेवा में चौथे प्रयास में आईएफएस बनने का सपना पूरा किया। 

स्वाती शर्मा का परिचय

स्वाती शर्मा ने दिल्ली विश्वविद्यालय से इकोनॉमिक्स में स्नातक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से इकोनॉमिक्स में ही मास्टर्स किया। उनकी मां दिल्ली विश्वविद्यालय के श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. साधना शर्मा हैं। ऐसे में उन्हें अपनी यूपीएससी यात्रा के दौरान मां से काफी सहोयग मिला।

 

शिक्षक बनने की भी मिली आजादी

स्वाती के परिवार ने उन पर सिविल सेवा को लेकर दबाव नहीं बनाया। बल्कि, स्वाति के आगे शिक्षक बनने का भी विकल्प था। यदि स्वाति पीएचडी करती तो, परिवार उन्हें एक शिक्षक के रूप में भी देखने के लिए तैयार था। 

 

पहले असफलता का देखना पड़ा मुंह

स्वाति शर्मा आईएफएस अधिकारी बनना चाहती थी। ऐसे में उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी। हालांकि, स्वाति को सफलता तक पहुंचने में काफी समय लगा। ऐसे में वह पहले प्रयास में असफल हो गई थी। इसके बाद दूसरा प्रयास किया, लेकिन उसमें भी असफल रही। वहीं, उनकी मां ने उन्हें हौंसला नहीं हारने दिया। 

 

इससे पहले भारतीय लेखा सेवा में हुआ था चयन 

स्वाति शर्मा ने हार न मानते हुए अपनी तैयारी जारी रखी और फिर से सिविल सेवा परीक्षा दी। उन्होंने इस बार परीक्षा को पास करते हुए फाइनल सूची में जगह बना ली थी, जिसके बाद उन्हें वित्तीय लेखा सेवा मिली। हालांकि, उनके मन में आगे बढ़ने की इच्छा थी। ऐसे में उन्होंने फिर से सिविल सेवा देने का मन बनाया।

 

17वीं रैंक के साथ बनी आईएफएस

स्वाति शर्मा ने सिविल सेवा के लिए अपना चौथा प्रयास किया। उन्होंने इस बार अपनी कमियों पर काम किया और पूरी मेहनत करने के साथ फिर से परीक्षा दी। सिविल सेवा परीक्षा में स्वाति ने 17वीं रैंक हासिल कर आईएफएस बनने का सफर पूरा किया। 

 

फेल होने पर तैयारी छोड़ने की न सोचें

स्वाति ने अपनी सफलता के बाद सिविल सेवा के अभ्यर्थियों को सलाह दी थी कि जब भी वे तैयारी के दौरान असफल हो जाए, तो परीक्षा की तैयारी न करने का निर्णय न लें। बल्कि, खुद को फिर से तैयार करें और परीक्षा की तैयारी करें। इसके लिए खुद को हमेशा शांत रखने की भी जरूरत होती है। इसके साथ ही सोच समझकर वैकल्पिक विषय का चुनाव करें। 

 

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