गर्दन पर कालापन आए तो हल्के में न लें, हो सकते हैं गंभीर बीमारी के संकेत

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Acanthosis Nigricans: कई बार शरीर के किसी हिस्से में काली गहरी लाइनें पड़ जाती हैं. ज्यादातर गर्दन के हिस्से में ये लाइनें देखने को मिलती हैं. महिलाओं की तुलना में पुरुषों में ये ज्यादा देखने को मिलते हैं. इन गहरी काली लाइनों को कितने भी सही तरह से साफ कर लें लेकिन ये साफ नहीं हो पाती हैं. ऐसे में कुछ लोग इन्हें यूं ही छोड़ देते हैं जो आगे चलकर खतरनाक रूप ले सकता है और एक बीमारी का संकेत भी हो सकता है. जिसका नाम अकन्थोसिस निगरिकन्स (Acanthosis Nigricans) है. जिसकी वजह से शरीर के कई हिस्सों में पिगमेंटेशन शुरू होने लगते हैं.

 

क्या होता है अकन्थोसिस निगरिकन्स 

डॉक्टर के मुताबिक, अकन्थोसिस निगरिकन्स एक तरह की पिगमेंटेशन ही हैं जो डायबिटीज के कारण होती है. ऐसे लोग जिन्हें प्रीडायबिटीज की समस्या है, उनमें ज्यादातर की गर्दन पर पिगमेंटेशन नजर आते हैं. इंसुलिन रेजिस्टेंस की वजह से ऐसा होता है. इसमें स्किन पर बड़े-बड़े डार्क पैचिस बनने शुरू हो जाते हैं.

 

अकन्थोसिस निगरिकन्स के क्या लक्षण हैं

जब त्वचा के रंग में बदलाव होने लगे तो ये अकन्थोसिस निगरिकन्स के संकेत हो सकते हैं. इसमें शरीर के कई हिस्सों में कालापन आने लगते हैं. त्वचा सख्त होने लगती है, स्किन पर रैशिज की समस्या होने लगती है. शरीर के जो हिस्से इन बीमारी से प्रभावित होते हैं, उनमें बगल, गर्दन, पेट या जांघ के बीच का हिस्सा, कोहनी, घुटने, होंठ, हथेलियां और पैर के तलवें शामिल हैं.

 

अकन्थोसिस निगरिकन्स का कारण

 

1. इंसुलिन रेजिस्टेंस ज्यादातर मामलों की वजह से ये समस्या हो सकती है. इसमें शरीर में पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का निर्माण नहीं हो पाता है, जिससे ग्लूकोज लेवल बढ़ता है और डायबिटीज का खतरा बढ़ता है.

 

2. हार्मोनल असंतुलन की वजह से भी ये समस्या हो सकती है. इसकी वजह से अंडाशय में गांठ होना, हाइपोथायराडिज्म या एड्रेनल ग्लैंड में दिक्कतें आ सकती हैं.

 

3. कई तरह की दवाईयां जैसे गर्भनिरोधक गोलियां या अन्य से भी इसका खतरा बढ़ता है.

 

4. लिंफोमा कैंसर की वजह से भी अकन्थोसिस निगरिकन्स हो सकता है. इसके अलावा पेट, कोलन और लिवर कैंसर में भी इस समस्या के होने के रिस्क रहता है.

 

अकन्थोसिस निगरिकन्स से कैसे बचें

 

1. इस बीमारी के होने पर सबसे पहले डॉक्टर को दिखाएं और टेस्ट से इसे कंफर्म करें.

2. डॉक्टर की बताई दवाईयां टाइम टू टाइम लें.

3. प्री डायबिटीज की वजह से ये समस्या है तो डाइट में सुधार और लाइफस्टाइल में बदलाव करें.

4. अपना वजन कंट्रोल रखें, क्योंकि इसका एक कारण मोटापा भी है.

 

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