चीन में टेन्सेंट, अलीबाबा और बाइदू जैसी कंपनियां अपने चैटबॉट लाने की तैयारी में हैं। बाइदू ने अपने चैटबॉट को ‘अर्नी बॉट’ नाम से लाने की घोषणा की है। चीन में लाए जाने वाले चैटबॉट्स की प्रोग्रामिंग अलग ढंग की जाएगी।
International
oi-Sanjay Kumar Jha
Image:
Oneindia
ChatGPT
को
टेक
इतिहास
की
सबसे
बड़ी
क्रांतियों
में
से
एक
बताया
जा
रहा
है।
लांच
होने
के
बाद
से
ही
पूरी
दुनिया
में
इसे
लेकर
बातें
हो
रही
हैं।
इस
बीच
चीन
इस
एआई
चैटबॉट
से
इतना
डर
गया
है
कि
वह
इस
पर
अंकुश
लगाने
में
जुट
गया
है।
चीन
में
इंटरनेट
कंपनियों
को
निर्देश
दिया
गया
है
कि
वे
अपने
प्लेटफॉर्म
पर
ChatGPT
की
सेवाएं
न
दें।
चीन
सरकार
का
मानना
कि
इस
चैटबॉट
की
प्रोग्रामिंग
इस
तरह
की
गई
है,
कि
यह
बिना
सेंसर
किए
जवाब
दे
रहा
है।
पश्चिमी
नजरिए
से
जवाब
देता
है
ChatGPT
चीन
का
ये
आरोप
है
ये
चैटबॉट
पश्चिमी
नजरिए
से
जवाब
देता
है,
जो
कि
उनके
लोगों
के
लिए
खतरनाक
साबित
हो
सकता
है।
चीन
में
टेन्सेंट
होल्डिंग्स
और
अलीबाबा
ग्रुप
होल्डिंग
के
फिनटेक
सहयोगी
एंट
ग्रुप
जैसी
कंपनियों
को
निर्देश
दिया
गया
है
कि
वे
ऐसे
किसी
तीसरे
पक्ष
को
भी
अपने
प्लेटफॉर्म
का
इस्तेमाल
ना
करने
दें,
जो
ChatGPT
की
सेवाएं
देता
हो।
आपको
बता
दें
कि
चीन
की
कुछ
बड़ी
कंपनियों
ने
अपना
खुद
के
चैटबॉट
पर
काम
शुरू
कर
दिया
है
लेकिन
अब
सरकार
ने
कहा
है
कि
इन
चैटबॉट्स
को
लांच
करने
से
पहले
उनकी
सूचना
संबंधित
सरकारी
विभाग
को
देना
जरूरी
होगा।
VPN
की
मदद
से
चीन
में
चल
रहा
ChatGPT
आपको
बता
दें
कि
ChatGPT
को
अमेरिका
की
स्टार्टअप
कंपनी
OpenAI
ने
नवंबर
में
लॉन्च
किया
था।
इस
कंपनी
में
माइक्रोसॉफ्ट
ने
अरबों
का
निवेश
किया
है।
अपने
सटीक
जवाब
देने
की
योग्यता
ने
ChatGPT
को
दुनिया
भर
में
मशहूर
बना
दिया
है।
ऐसे
में
इसकी
लोकप्रियता
सरहदों
को
पार
कर
चीन
तक
भी
पहुंच
गई
है।
आपको
बता
दें
कि
चीन
में
आधिकारिक
तौर
पर
ChatGPT
उपलब्ध
नहीं
है।
लेकिन
कुछ
इंटरनेट
उपयोगकर्ता
वर्चुअल
प्राइवेट
नेटवर्क
(VPN)
का
उपयोग
करके
इसका
खूब
उपयोग
कर
रहे
हैं।
इस
बीच
इस
चैटबॉट
की
नकल
कर
कई
कंपनियों
ने
ऐसी
ही
सेवाएं
देने
वाले
अपने
एप
या
वेबसाइट
लॉन्च
कर
दी
हैं।
पहले
भी
लग
चुके
हैं
प्रतिबंध
Tencent
के
WeChat
नामक
सोशल
मीडिया
ऐप
पर
तीसरे
पक्ष
के
डेवलपर्स
द्वारा
दर्जनों
मिनी
प्रोग्राम
भी
जारी
किए
गए
हैं
जो
ChatGPT
की
सेवा
देने
का
दावा
करते
हैं।
हालांकि
ताजा
सरकारी
आदेश
के
बाद
अब
इन
पर
रोक
लगा
दी
जाएगी।
आपको
बता
दें
कि
यह
पहली
बार
नहीं
है
जब
चीन
में
विदेशी
एप्लिकेशन
को
ब्लॉक
किया
गया
है।
चीन
ने
2009
और
2010
के
बीच
दर्जनों
अमेरिकी
वेबसाइटों
पर
प्रतिबंध
लगा
दिया
था।
इसमें
Google,
Facebook,
YouTube
और
Twitter
जैसी
बड़े
प्लेटफॉर्म
शामिल
हैं।
साल
2018
और
2019
के
बीच,
चीन
ने
Reddit
और
Wikipedia
पर
भी
प्रतिबंध
लगा
दिया।
सरकार
विरोधी
सूचना
फैला
सकता
है
ChatGPT
वेबसाइट
निक्कईएशिया
पर
छपी
एक
रिपोर्ट
के
मुताबिक
ChatGPT
को
लेकर
चीन
के
सरकारी
विभागों
में
तीखी
प्रतिक्रिया
देखने
को
मिल
रही
थी।
बीते
सोमवार
को
चीन
के
सरकारी
अखबार
चाइना
डेली
ने
एक
सोशल
मीडिया
पोस्ट
में
कहा
था
कि
इस
चैटबॉट
के
जरिए
सरकार
विरोधी
सूचनाएं
फैलाने
वालों
को
मदद
मिल
सकती
है।
साथ
ही
वैश्विक
घटनाओं
के
बारे
में
तोड़-मरोड़
कर
पेश
किए
पश्चिमी
नैरेटिव्स
को
चीनी
समाज
में
फैलाया
जा
सकता
है,
जिससे
अमेरिका
को
मदद
मिल
सकती
है।
चीन
सरकार
को
ChatGPT
का
खौफ
इस
बीच
चीन
में
टेक
उद्योग
से
जुड़े
सूत्रों
का
कहना
है
कि
उन्हें
ताजा
सरकारी
आदेश
पर
कोई
हैरत
नहीं
हुई
है।
एक
प्रमुख
चीनी
टेक
कंपनी
के
अधिकारी
ने
वेबसाइट
निक्कईएशिया
से
कहा-
‘यह
हमें
शुरू
से
ही
मालूम
था
कि
चीन
में
कभी
भी
ChatGPT
जैसी
चीजों
को
प्रवेश
नहीं
करने
दिया
जाएगा।
सेंसरशिप
की
नीति
के
कारण
चीन
अपने
लोगों
के
लिए
खुद
का
ChatGPT
का
कोई
नकल
लांच
करेगा।’
टेक
कंपनी
भी
डरीं
एक
दूसरी
कंपनी
के
अधिकारी
ने
कहा
कि
सरकारी
आदेश
जारी
न
भी
होता
तो
भी
उनकी
कंपनी
ChatGPT
का
इस्तेमाल
करने
की
सुविधा
नहीं
देती।
अधिकारी
ने
कहा-
‘इसकी
प्रतिक्रिया
बेकाबू
है।
यह
स्वाभाविक
है
कि
कुछ
लोग
चैटबॉट
से
राजनीतिक
रूप
से
संवेदनशील
सवाल
पूछेंगे।
जबकि
ऐसे
सवालों
और
उन
पर
चैटबॉट
के
जवाब
के
लिए
जिम्मेदार
कंपनी
को
ठहराया
जाएगा।’
चीनी
सरकार
के
मुताबिक
देंगे
जवाब
ChatGPT
पर
चीन
का
दबदबा
ऐसे
समय
में
आया
है
जब
दुनिया
की
दो
सबसे
बड़ी
अर्थव्यवस्थाओं
के
बीच
तनाव
लगातार
बढ़
रहा
है।
चीन
में
टेन्सेंट,
अलीबाबा
और
बाइदू
जैसी
कंपनियां
अपने
चैटबॉट
लाने
की
तैयारी
में
हैं।
बाइदू
ने
अपने
चैटबॉट
को
‘अर्नी
बॉट’
नाम
से
लाने
की
घोषणा
की
है।
समझा
जाता
है
कि
चीन
में
लाए
जाने
वाले
चैटबॉट्स
की
प्रोग्रामिंग
अलग
ढंग
से
होगी,
इसलिए
राजनीतिक
सवालों
के
वे
चीन
सरकार
की
नीति
के
मुताबिक
जवाब
ही
देंगे।
‘हमें
सिर्फ
PM
मोदी
चाहिए’,
देश
के
हालात
पर
रोने
लगा
पाकिस्तानी
शख्स,
कहा-
काश
हम
भी
इंडियन
मुसलमान
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