Cyber Fraud: महिला को किया डिजिटल अरेस्ट, ऑनलाइन लूट लिए Rs. 11 लाख


साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों ने लोगों को स्मार्टफोन इस्तेमाल करने से डरा दिया है। आए दिन देशभर से कोई न कोई बड़ा साइबर फ्रॉड का मामला रिपोर्ट होता है। अब, नोएडा से एक विचित्र और चौंकाने वाला साइबर ठगी का मामला सामने आया है। साइबर ठगों ने एक महिला इंजीनियर को डिजिटल अरेस्ट के बहाने 8 घंटे तक बंधक बना लिया, और इसके बाद 11 लाख रुपये की ठगी की। महिला ने इसके खिलाफ क्राइम थाना पुलिस में शिकायत की है, जिसके बाद मामले की जांच शुरू हो चुकी है।

NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, नोएडा के साइबर पुलिस स्टेशन की एक इंस्पेक्टर का कहना है कि यह मामला 13 नवंबर का है, जब सेक्टर 34 के धवलगिरी अपार्टमेंट में रहने वाली सीजा टीए को एक फोन कॉल आया। कॉलर ने खुद को टेलीफोन रेगुलेटरी ऑफ इंडिया (TRAI) का अधिकारी बताया और कहा कि सीजा के आधार कार्ड का इस्तेमाल कर एक सिम कार्ड खरीदा गया है, जिसका इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया गया है। इस सिम के जरिए 2 करोड़ रुपए निकाले गए हैं।

इंस्पेक्टर ने आगे बताया कि कॉलर की बात सुनकर सीजा टीए गबरा गई और स्कैमर ने उसे जांच का हवाला देते हुए कॉल को स्काइप ट्रांसफर कर दिया। जांच अधिकारी बने साइबर ठग ने महिला इंजीनियर को स्काइप कॉल पर क्राइम ब्रांच और कस्टम के अधिकारी बनकर डरा धमकाया और 8 घंटे तक डिजिटल निगरानी करके उसे बंधक बनाए रखा। इसके बाद साइबर ठगों ने महिला इंजीनियर के खाते से 11 लाख 11000 रुपए ट्रांसफर कर लिए।

इस हैरान कर देने वाले साइबर फ्रॉड की घटना में अचंभित करने वाली बात यह है कि स्काइप पर महिला इंजीनियर को बैकग्राउंड में पुलिस स्टेशन भी दिखाया दे रहा था और साथ ही पुलिस भी नजर आ रही थी। महिला ने यह भी बताया कि डिजिटल अरेस्ट के दौरान किसी व्यक्ति को उसके मोबाइल फोन पर डाउनलोड ऐप से जुड़े रहने को कहा गया था, जिसके दौरान उसे डरा धमकाकर पैसे वसूले गए।

साइबर थाना प्रभारी रीता यादव ने बताया कि ठगी के बाद सीजा टीए ने इस मामले की शिकायत की। मामले में मुकदमा दर्ज किया जा चुका है और इसकी जांच शुरू कर दी गई है।

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