![Chinese spy balloons: क्या भारत को भी UFO को लेकर चिंतित होने की जरूरत है ? 1 newproject 2023 02 13t190044 464 1676296500](https://hindi.oneindia.com/img/1200x60x675/2023/02/newproject-2023-02-13t190044-464-1676296500.jpg)
![Chinese spy balloons: क्या भारत को भी UFO को लेकर चिंतित होने की जरूरत है ? 2 'जासूसी' गुब्बारों ने बढ़ाई वैश्विक सरगर्मी](https://hindi.oneindia.com/img/2023/02/xnewproject-2023-02-13t190132-644-1676296565.jpg.pagespeed.ic.1rUEuqpKjl.jpg)
‘जासूसी’
गुब्बारों
ने
बढ़ाई
वैश्विक
सरगर्मी
अमेरिका
के
आसमान
में
चीनी
‘जासूसी’
गुब्बारा
और
फिर
कई
अज्ञात
‘चीजें’
नजर
आ
चुकी
हैं।
हफ्ते
भर
के
अंदर
कई
को
मार
भी
गिराया
गया
है,
जिसके
बाद
से
दुनिया
भर
के
कई
देशों
में
एक
अजीब
सी
बेचैनी
की
स्थिति
पैदा
हुई
है।
चिंता
सताने
लगी
है
कि
क्या
इस
तरह
की
अज्ञात
‘चीजें’
(UFO)
पहले
नजरअंदाज
होती
रही
हैं?
ऊपर
से
अमेरिका
ने
दावा
किया
है
कि
हो
सकता
है
कि
चीन
इस
तरह
के
‘जासूसी’
गुब्बारे
भारत
समेत
और
भी
देशों
में
भी
भेज
चुका
हो।
हालांकि,
फिलहाल
भारत
ने
इस
दावे
पर
चुप
रहने
की
ही
रणनीति
अपना
रखी
है।
![Chinese spy balloons: क्या भारत को भी UFO को लेकर चिंतित होने की जरूरत है ? 3 'भारत के पास भी हैं सर्विलांस बैलून'](https://hindi.oneindia.com/img/2023/02/xnewproject-2023-02-13t190210-709-1676296594.jpg.pagespeed.ic.cFRxz3jFod.jpg)
‘भारत
के
पास
भी
हैं
सर्विलांस
बैलून’
चीनी
‘जासूसी’
गुब्बारे
की
वजह
से
पैदा
हुए
वैश्विक
हालात
के
बीच
एक
सरकारी
अधिकारी
ने
मनीकंट्रोल
को
बताया
है
कि
भारत
के
पास
भी
ऐसे
सर्विलांस
बैलून
हैं,
जो
देश
के
खिलाफ
ऐसी
किसी
भी
अप्रिय
गतिविधियों
को
पकड़ने
में
सक्षम
हैं।
अधिकारी
ने
यह
भी
कहा
कि
मौजूदा
हालातों
में
भारत
परिस्थतियों
का
आकलन
करेगा।
अधिकारी
ने
बताया
है
कि
सर्विलांस
बैलून
में
‘रडार
और
इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल
सेंसर
या
डिजिटल
कैमरे
लगाए
गए
हैं,
जो
अपनी
रेजोलूशन
के
मुताबिक
बहुत
ही
सटीक
तस्वीरें
ले
सकते
हैं।’
अधिकारी
ने
यह
भी
बताया
के
ये
गुब्बारे
‘रेडियो
सिग्नल
का
इस्तेमाल
करके
सैटेलाइट
के
साथ
भी
संवाद’
कर
सकते
हैं।
![Chinese spy balloons: क्या भारत को भी UFO को लेकर चिंतित होने की जरूरत है ? 4 पोर्ट ब्लेयर में नजर आया था 'रहस्यमयी और संदिग्ध गुब्बारा'](https://hindi.oneindia.com/img/2023/02/xnewproject-2023-02-13t190359-595-1676296642.jpg.pagespeed.ic.Y7IyY5OGg2.jpg)
पोर्ट
ब्लेयर
में
नजर
आया
था
‘रहस्यमयी
और
संदिग्ध
गुब्बारा’
वाशिंगटन
पोस्ट
ने
7
फरवरी
को
एक
रिपोर्ट
दी
थी
कि
‘सर्विलांस
बैलून
प्रोजेक्ट
कई
वर्षों
से
चल
रहा
है,
जो
कि
चीन
के
दक्षिण
तट
पर
हैनान
प्रांत
से
संचालित
किया
जाता
है।
इसने
चीन
के
रणनीतिक
हित
के
मुताबिक
जापान,
भारत,
वियतनाम,
ताइवान
और
फिलिपींस
जैसे
देशों
में
सैन्य
ठिकानों
और
क्षेत्रों
से
संबंधित
सूचनाएं
जुटाई
हैं।’
4
फरवरी
को
अमेरिका
ने
चीन
के
जासूसी
‘गुब्बारे’
को
मार
गिराया
था।
उसके
बाद
से
अंतरराष्ट्रीय
संबंधों
में
तनाव
की
स्थिति
पैदा
हुई
है।
क्योंकि,
एक
‘रहस्यमयी
और
संदिग्ध
गुब्बारा’
अंडमान
और
निकोबार
द्वीप
के
पोर्ट
ब्लेयर
में
भी
तब
नजर
आ
चुका
है
जब
तीनों
सेनाओं
का
सैन्य
अभ्यास
चल
रहा
था।
(ऊपर
की
तस्वीर
प्रतीकात्मक)
![Chinese spy balloons: क्या भारत को भी UFO को लेकर चिंतित होने की जरूरत है ? 5 भारत के पास हीलियम से भरे एयरोस्टेट बैलून हैं- रिपोर्ट](https://hindi.oneindia.com/img/2023/02/xnewproject-2023-02-13t190329-458-1676296680.jpg.pagespeed.ic.dyweJff3e3.jpg)
भारत
के
पास
हीलियम
से
भरे
एयरोस्टेट
बैलून
हैं-
रिपोर्ट
इन
आशंकाओं
के
बीच
भारतीय
वायु
सेना
की
ओर
से
जानकारी
दी
गई
है
कि
भारत
के
पास
हीलियम
से
भरे
एयरोस्टेट
बैलून
हैं।
मनीकंट्रोल
की
रिपोर्ट
के
मुताबिक
पाकिस्तान
सीमा
के
पास
एयरोस्टेट
बैलून
करीब
16
साल
पहले
ही
दुश्मन
की
किसी
भी
नापाक
हरकत
पर
निगरानी
रखने
के
लिए
लगाया
गया
था।
हालांकि,
एयरोस्टेट
गुब्बारे
15,000
फीट
की
ऊंचाई
से
दुश्मनों
पर
नजर
रखते
हैं।
जबकि
चीनी
‘जासूसी’
गुब्बारे
60,000
फीट
की
ऊंचाई
से
अपने
तिकड़मों
को
अंजाम
दे
सकते
हैं।
इसे
भी
पढ़ें-
‘एक
नहीं
10
गुब्बारे
हमारे
सीमा
में
आए’,
बैलून
मामले
पर
चीन
ने
अमेरिका
को
धमकाया,
लगाया
बड़ा
आरोप
Recommended
Video
China
के
आसमान
में
दिखा
Flying
Object,
Spy
Balloon
को
गिराने
की
तैयारी
में
Air
Force
|वनइंडिया
हिंदी
![Chinese spy balloons: क्या भारत को भी UFO को लेकर चिंतित होने की जरूरत है ? 7 एयरोस्टेट बैलून में बेहतरीन उपकरण लगे हैं- रिपोर्ट](https://hindi.oneindia.com/img/2023/02/xnewproject-2023-02-13t190246-473-1676296759.jpg.pagespeed.ic.pPV70-YCHH.jpg)
एयरोस्टेट
बैलून
में
बेहतरीन
उपकरण
लगे
हैं-
रिपोर्ट
रिपोर्ट
में
बताया
गया
है
कि
एयरोस्टेट
बैलून
में
लंबी
रेंज
के
रडार,
सिग्नल
इंटेलिजेंस
सिस्टम
के
साथ-साथ
मौसम
संबंधी
उपकरणों
को
भी
फिट
किया
गया
है।
ये
100
से
लेकर
600
किलोमीटर
की
रेंज
तक
बड़े
पैमाने
पर
मिलिट्री
मूवमेंट
या
लैंडिंग
और
टेकऑफ
की
तस्वीरें
ले
सकते
हैं,
जो
कि
उसपर
लगाए
गए
उपकरणों
और
मौसम
की
परिस्थितियों
पर
निर्भर
करता
है।