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oi-Bavita Jha
नई दिल्ली। दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा के साथ घुंघराले बालों वाले एक नौजवान को कई बार तस्वीरों और वीडियो में देखा होगा। इनका नाम शांतनु नायडू हैं, रतन टाटा के बेहद करीबी है, वो उन्हें अपना मैंटर, गुरू, दोस्त सब मानते हैं। 25 साल के शांतनु टाटा चैयरमैन ऑफिस में बतौर डिप्टी मैनेजर नियुक्त हैं। शांतनु ने हाल ही में बुजुर्गों के लिए खास स्टार्टअप की शुरुआत की है, जिसमें रतन टाटा ने भी निवेश किया है।
कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से पढ़े शांतनु बेहद क्रिएटिव और मेहनती है। सादगी से भरे रतन टाटा के सात अक्सर उन्हें देखा जाता है। हाल ही में शांतनु ने गुडफेलोज (goodfellows) नाम के एक स्टार्टअप शुरू किया, जिसमें रतन टाटा ने भी निवेश का ऐलान किया। शांतनु नायडू इसके संस्थापक है। हालांकि अभी तक ये जानकारी नहीं मिली है कि रतन टाटा ने शांतनु के स्टार्टअप में कितना निवेश किया है।
क्या है गुडफेलोज
शांतनु के स्टार्टअप गुडफेलोज देश के वरिष्ठ नागरिकों के लिए कम्पैनियनशिप स्टार्टअप है, जिसकी मदद से बुजुर्गों के अकेलेपन को कम करने की कोशिश की जाएगी। इस स्टार्टअप का मकसद न केवल बुजुर्गों के खालीपन को कम करना है बल्कि युवाओं और शिक्षित ग्रेजुएट्स को जोड़कर उन्हें रोजगार उपलब्ध करवाना भी है। इसके बीटा वर्जन की टेस्टिंग की जा चुकी है। जल्द ही इसे मुंबई,पुणे, चेन्नई और बेंगलुरु में लॉन्च किया जाएगा। इसका मकसद उन बुजुर्गों की जरूरतों को पूरा करना है, जो अकेलेपन को झेल रहे हैं। गुडफेलोज का बिजनेस मॉडल एक ‘फ्रीमियम’ सब्सक्रिप्शन मॉडल है।
रतन टाटा का छलका दर्द
रतन टाटा ने भी अकेलेपन का अनुभव करते हुए कहा कि जब आप बूढ़े हो जाता हैं तो आपकी इसका अहसास होता है। उन्होंने कहा कि बूढ़े होने पर आपको इस अकेलेपन का अहसास होता है। इस स्टार्टअप की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि जब तक आप वास्तव में बूढ़े नहीं हो जाते, तब तक किसी को भी बूढ़े होने का मन नहीं करता। इस उम्र में आने के बाद ही अकेलेपन को सही से समझा जा सकता है।
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English summary
85 Years Ratan Tata invest in 25 years Old Young senior citizen startup, Goodfellows