नए वित्त वर्ष में आपकी क्या हो इनवेस्टमेंट स्ट्रेटेजी

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नए फाइनेंसियल ईयर (New Financial Year) की शुरुआत हो गई है। इसी के साथ नए सिरे से निवेश का कार्यक्रम भी बनना शुरू हो गया है। देखा जाए तो फाइनेंसियल ईयर की शुरुआत में ही योजना बना ली जाए तो आपका पूरा साल बढ़िया से बीतता है। BankBazaar के सीईओ आदिल शेट्टी हमें बता रहे हैं कुछ स्टेप्स, जिसे फॉलो कर आप एक मजबूत फाइनेंसियल नींव का निर्माण कर सकते हैं।

पूरे साल का बजट बनाएं

पूरे साल का बजट बनाएं

फाइनेंसियल प्लानिंग में बजटिंग बहुत जरूरी होता है। जब आपको अपनी आमदनी और खर्च की स्पष्ट जानकारी होती है, तो ही आप भविष्य के लिए अपने फाईनेंसेज़ की योजना बना सकते हैं। इस स्टेप के लिए, आपको उन खर्चों की सूची तैयार करनी चाहिए, जिनको आने वाले वर्ष के दौरान आपके द्वारा किए जाने की संभावना है। अपनी जरूरतों के मुताबिक उन्हें अलग कर लें। ज़रूरी खर्चों को बनाए रखें, और उन खर्चों को करने से बचें जिनसे आपको अपने जीवन में कोई वैल्यू प्राप्त नहीं होती है। बजटिंग करते समय, अपने निवेश का लेखा-जोखा करना न भूलें। इस एक्सरसाइज़ से आपको उस राशि के बारे में अच्छे से जानकारी मिल जाएगी जिसकी जरूरत आपको एक अच्छी जिंदगी जीने के लिए और अपने जीवन के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए होगी।

अपने लक्ष्यों की सूची बनाएं

अपने लक्ष्यों की सूची बनाएं

नया फाइनेंसियल वर्ष पहले तय किए गए लक्ष्यों की समीक्षा करने और अपनी आय तथा कैरियर में प्रगति के आधार पर उनको फिर से अलाइन करने का अच्छा अवसर है। अपने लक्ष्यों पर फिर से विचार करें, और अपनी मौजूदा और भावी ज़रूरतों के मुताबिक उन्हें फिल्टर करें। इस वर्ष जिन लक्ष्यों को आप प्राप्त करना चाहते हैं, उन्हें नोट करें तथा उनके लिए एक उचित अंतिम समय सीमा तय करें। उदाहरण के लिए, इमरजेंसी फंड की स्थापना करना या अपस्किलिंग कोर्स के लिए बचत करना अल्पकालिक लक्ष्य होते हैं जिन्हें 2 वर्ष में प्राप्त किया जा सकता है। बच्चों की शिक्षा या शादी के लिए बचत करना मध्यम अवधि के लक्ष्यों के उदाहरण हैं जिनको प्राप्त करने में 5-7 वर्ष का समय लग सकता है। मकान खरीदना या अपनी रिटायरमेंट की प्लानिंग करना दीर्घकालिक लक्ष्य हैं जो खास तौर पर 20 वर्ष या अधिक समय तक जारी रहते हैं। जब आप अपने लक्ष्यों को तय कर लेते हैं, केवल तभी अपने निवेश की प्लानिंग की शुरुआत कर सकते हैं, जिससे उन्हें प्राप्त करने में आपको मदद मिलती है।

निवेश की स्ट्रेटेजी बनाएं

निवेश की स्ट्रेटेजी बनाएं

अगला कदम उन इंस्ट्रुमेंट्स की पहचान करना है जिससे विभिन्न लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी। ऐसा करते समय, पोर्टफोलियो में टैक्स-सेविंग इंस्ट्रुमेंट्स को शामिल करने का ध्यान रखें। तय करें कि आपका पोर्टफोलियो डायवर्सिफाइड हो। ताकि, आप जोखिम को कम रख सकें और अपने निवेश से अधिकतम रिटर्न प्राप्त कर सकें। टैक्स की बचत करने के लिए, आप पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), टैक्स-सेवर बैंक एफडी, वालेंटरी पीएफ (VPF), ईएलएसएस आदि जैसे विकल्पों पर विचार कर सकते हैं। अपनी निवेश यात्रा शुरु करने पर, तय करें कि आप नियमित रूप से अपने निवेश की समीक्षा करते हैं और जब आपकी आमदनी बढ़ती है, तो आप उसको बढ़ाते रहते हैं।

नियमित रूप से निवेश करें

नियमित रूप से निवेश करें

निवेश के लिए सिस्टेमेटिक और अनुशासित एप्रोच से आपको लंबे समय में सर्वश्रेष्ठ परिणाम मिल सकते हैं। मंत्र आसान है। नियमित तौर पर और कंसिस्टेंटली निवेश करें। मार्केट में उतार-चढ़ाव की स्थिति में निवेश करना न रोकें या उसे विदड्रा न करें, खास तौर पर एसआईपी को जारी रखा जाना चाहिए। कोशिश यह होनी चाहिए कि आमदनी बढ़ी तो निवेश बढ़ा दें।उदाहरण के लिए, यदि आपने साल 2022 में एसआईपी के जरिए हर महीने 1000/- रुपये का निवेश किया है, तो 2023 में जैसे-जैसे आपकी आय बढ़ती है, इसमें 10% या अधिक की बढ़ोतरी करें।

​इमरजेंसी फंड तैयार करें

​इमरजेंसी फंड तैयार करें

अनिश्चितताएं, बड़ी या हों या फिर छोटी, जीवन का हिस्सा हैं। उनके लिए तैयार रहना महत्वपूर्ण है। यदि आपने पहले से ही इमरजेंसी फंड तैयार नहीं किया है, तो इसको तैयार करने की शुरुआत करें। आदर्श रूप से, यह पूंजी आपकी मासिक आमदनी के 9 गुणा के बराबर होनी चाहिए। इस पैसे को शीघ्रता से एक्सेस करने के लिए, आप सेविंग अकाउंट या फिक्स्ड डिपाजिट पर विचार कर सकते हैं जिनको आसानी से लिक्विडेट किया जा सकता है।

लोन रिपेमेंट में अनुशासित बने रहें

लोन रिपेमेंट में अनुशासित बने रहें

बार-बार रेट में बढ़ोतरी होने से, ब्याज दरें पहले से ही महामारी से पहले के स्तरों तक पहुंच चुकी हैं। इस वजह से कर्जदारों के कर्ज के भार बढ़ गए हैं। लोन ईएमआई तथा अवधि के बढ़ने से, सिर्फ ईएमआई का भुगतान करना ही अब काफी नहीं है। ईएमआई पर बचत करने और अपनी अवधि को कम करने के लिए हर वर्ष अपने बकाया लोन का 5% भुगतान करने पर विचार करें। आप ब्याज की बचत करने के लिए रिफाईनेंसिंग पर भी विचार कर सकते हैं, क्योंकि इस समय स्प्रैड रेट्स 1.95 के नए न्यूनतम स्तर पर चल रहे हैं। क्रेडिट कार्ड बिल की उपेक्षा न करें, उनका समय पर पूरा भुगतान करें। समय पर रिपेमेंट करने पर आपके क्रेडिट स्कोर और साख में बढ़ोतरी होगी जिससे भविष्य में आपके लिए क्रेडिट एक्सेस करना आसान हो जाएगा।

पर्याप्त इंश्योरेंस कवर लें

पर्याप्त इंश्योरेंस कवर लें

कुशल फाइनेंसियल प्लानिंग का एक अन्य पहलू पर्याप्त रूप से बीमा प्राप्त करना है। लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस दो जरूरी प्रोडक्ट्स हैं, जिनसे फाइनेंसियल इमरजेंसी के लिए आपकी तैयारी बढ़ती है। लाइफ इंश्योरेंस से आपको अपनी आमदनी को रिप्लेस करने में मदद मिलती है। इस तरह अचानक मृत्यु होने की स्थिति में आपके प्रियजन फाइनेंसियली मजबूत स्थिति में रहते हैं। दूसरी तरफ हेल्थ इंश्योरेंस से मेडिकल बिल को कवर करने में मदद मिलती है। इन खर्चों से मौजूदा समय में आपकी सेविंग आसानी से प्रभावित हो सकती है। आपका जीवन बीमा आदर्श रूप से आपकी औसत वार्षिक आमदनी का 10-15 गुणा होना चाहिए। स्वास्थ्य बीमा कवरेज का फैसला आपके परिवार के मेडिकल हिस्ट्री, उम्र तथा जीवनशैली और आदतों के आधार पर किया जाना चाहिए। इन दोनो पॉलिसियों की स्थिति में, आपको नियमित रूप से उनकी समीक्षा करनी चाहिए तथा अपनी आय और अपने परिवार की ज़रूरतों के आधार पर उनकी कवरेज को एडजस्ट करना चाहिए।



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