गांधीनगर और मुंबई के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस 30 सितंबर को शुरू की गई थी। लेकिन अक्टूबर में कई बार इसके ट्रैक पर मवेशी आ गए थे। इससे इसका अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ था। नए जमाने की तीसरी वंदे भारत एक्सप्रेस अभी आईसीएफ में बनाई जा रही है और इसके अगले कुछ दिनों में तैयार होने की उम्मीद है। हाल में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और सीईओ वीके त्रिपाठी ने आईसीएफ का दौरा करके तीसरी ट्रेन पर चल रहे काम को देखा था। यह ट्रेन चेन्नई और मैसुरू के बीच दौड़ेगी।
वंदे भारत एक्सप्रेस की खूबियां
वंदे भारत ट्रेन पूरी तरह एयर कंडीशंड चेयर कार है और शताब्दी एक्सप्रेस का प्रीमियम वर्जन है। शताब्दी ट्रेन लोकोमोटिव से चलती है जबकि वंदे भारत एक सेल्फ प्रोपेल्ड ट्रेन सेट है। इस ट्रेन में विमान की तरह सुविधाएं हैं। देश में पहली बार किसी ट्रेन में स्लाइडिंग फुटस्टेप्स के साथ ऑटोमैटिक दरवाजे लगे हैं। इसमें यूरोपियन स्टाइल की सीटें लगी हैं जो 180 डिग्री घूम सकती हैं। साथ ही एयरक्राफ्ट की तरह डिफ्यूज्ड लाइट्स, इंडिविजुअल रीडिंग लाइट्स, पर्सनलाइज्डी एसी वेंट्स है। इसके ड्राइवर का केबिन बुलेट ट्रेन की तरह है।
रेलवे ने पहली वंदे भारत ट्रेन 2019 में निकाली थी। यह वंदे भारत ट्रेन का प्रोटोटाइप था और इसे ट्रेन 18 नाम दिया गया था। ऐसी दो ट्रेनें दिल्ली से वाराणसी और कटरा के लिए शुरू की गई थी। 2022 में आई नई वंदे भारत ट्रेनों में कई तरह की सुविधाएं हैं। इन पर कवच एंटी ट्रेन कोलिजन सिस्टम है और हर कोच में एमरजेंसी विंडो लगी है। साथ ही यह 160 किमी की रफ्तार पकड़ने में कम समय लेती हैं।