साइलेंट कैंसर शरीर में इस तरह से करते हैं कब्जा, लक्षणों को ऐसे पहचानें


Silent Cancers: ज्यादातर कैंसर के लक्षण शुरू में दिखाई नहीं देते हैं और इसीलिए ही इंसान पेट में दर्द हो या कमर दर्द इसे हल्के में लेना शुरू कर देता हैं, हालाकिं ऐसा नही है कि पेट और कमर का हर दर्द ही कैंसर की शुरूआत हो सकता है. लेकिन फिर आपको सचेत रहने की जरूरत होती है. किसी भी समस्या को लंबे समय तक झेलते रहना उसका हल नही है. इसीलिए कोई भी समस्या को समय रहते दिखाना जरूरी है. साइलेंट कैंसर का सबसे खतरनाक रुप यही है कि इसका शुरू में पता नही चलता है, इसमें शुरू में कुछ संकेत है जो आपको शरीर में दिखाई दे सकते हैं. आज इस आर्टिकल में हम बताएंगे कि किन लक्षणों को आपको नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता हैं. यहां कुछ साइलेंट कैंसर और उनके लक्षण हैं. 

सर्वाइकल कैंसर

सर्वाइकल कैंसर गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं में होता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि लगभग सभी सर्वाइकल कैंसर पेपिलोमावायरस के संक्रमण से जुड़े हैं. आमतौर पर, शुरूआती समय में सर्वाइकल कैंसर के कोई संकेत या लक्षण नहीं होते हैं, लेकिन इसके धीरे-धीरे लक्षण शरीर में दिखना शुरू हो जाते हैं. जैसे: – पीरियड्स के बीच पानीदार, खूनी योनि स्राव जो भारी हो सकता है और इसमें बदबू हो सकती है.

ओवेरियन कैंसर

ओवेरियन का कैंसर अंडाशय का कैंसर है. यह तब होता है जब कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं. अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के अनुसार, महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौतों में ओवेरियन का कैंसर पांचवें स्थान पर है, यही कारण है कि समय पर इसका इलाज शुरू करना जरूरी है. यह लक्षण हैं जिन पर आपको ध्यान देना चाहिए: – पेट में दर्द, सूजन या बार-बार पेशाब आनास आंत में बदलाव या फिर वजन घटना हो सकता है.

पेट का कैंसर

Colon कैंसर बड़ी आंत का कैंसर है. यह आमतौर पर कोलोन में बढ़ने वाले पॉलीप्स नामक कोशिकाओं के छोटे, सौम्य ‘क्लंप’ से विकसित होता है. अगर इस हल्के में छोड़ दिया जाए तो यह कोलन कैंसर बन सकता है. इसलिए शुरुआती पहचान खतरे को रोकने में अहम भूमिका निभाती है. लक्षणों में शामिल हैं: – दस्त या कब्ज सहित आंत की आदतों में बदलाव – मल में रक्त – पेट में लगातार बेचैनी या दर्द – यह महसूस होना कि आपकी आंत पूरी तरह से खाली नहीं हुई है – कमजोरी या थकान हो सकती है.

अग्नाशय के कैंसर का संकेत

अग्नाशय का कैंसर यह तब होता है जब अग्न्याशय में मौजूद कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ती हैं, जिसे ट्यूमर भी कहा जाता है. ज्यादातर अग्नाशयी कैंसर 65 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों में पाए जाते हैं. धूम्रपान मधुमेह और अग्नाशय के कैंसर का ज्यादातर जेनेटिक दिक्कत से भी सकता हैं. शुरुआती पहचान जरूरी है, इन लक्षणों को अनदेखा न करें: –  वजन घटना – पेट दर्द – आंखों और त्वचा का पीला होना – रंगीन पेशाब- थकान होना इस बीमारी का संकेत हो सकते हैं.

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

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