![ऑनलाइन खरीदारी करते समय अब नहीं होगी कोई फ्रॉड, बचने के लिए अपनाएं ये तरीके! - Times Bull 1 Cyber Fraud](https://www.timesbull.com/wp-content/uploads/2022/12/Cyber-Fraud.jpg)
नई दिल्ली:आज के समय में देश में हर काम ऑनलाइन तरीके से हो रहा है, जिससे लोगों को बैंक, सरकारी ऑफिस के चक्कर नहीं काटने पड़ते हैं। तो वही आज के समय में हर चीज की खरीददारी बहुत ही आसान हो गई है। तो वही फ्रॉड करने वाले भी बढ़ गए है, खबरों में आए दिन ही ऐसे मामले सामने आते रहते है, जिससे लोगों को जरुरी डाटा और यहां पर तक की लोगो के बैंक खाता भी खाली हो रहे हैं। तो इसी को मद्दे नजर देखते हुए सरकार ने बड़ी जानकारी दी है।
दरअसल आप को बता दें कि इस समय में देश का शीतकालीन सत्र चल रहा है। जिससे हर रोज कई प्रकार की जानकारी सामने आ रही है। इस कढ़ी में सरकार ने जानकारी दी है कि कैसे एक ग्राहक ठगी करने वाले या डाट चोरी करने वाले प्लेटफॉर्म से अपनी सुरक्षा कर सकते हैं। लोकसभा में केंद्रीय उपभोक्ता मामले खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने एक सवाल का जवाब दिया है।
केंद्रीय मंत्री ने लिखित जवाब में कहा कि भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने ‘ऑनलाइन कंज्यूमर्स रिव्यू, प्रिंसिपल और रूपरेखा को लेकर अधिसूचना जारी की है। इसके अनुसार, ई कॉमर्स में नकली और भ्रामक रिव्यू से कस्टमर के हितों की सुरक्षा के लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं। बीआईएस की ओर से जारी की गई यह अधिसूचना सभी ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर लागू होती है।
फेक रिव्यू नहीं दे सकता कोई प्लेटफॉर्म
बीआईएस के अधिसूचना के अनुसार, कोई भी फर्जी रिव्यू प्लेटॉर्म पर पोस्ट नहीं कर सकता है। यहां पर ऐसी कंपनी को सभी स्टेंडर्ड का पालन करना अनिवार्य है। अगर कोई प्लेटफॉर्म ऐसा करता है तो कार्रवाई की जा सकती है। सरकार की ओर से जारी की गई यह अधिसूचना ग्राहकों के गोपनीयता, सुरक्षा, पारदर्शिता और जवाबदेही आदि का अधिकार देती है।
वही BIS चेक करता है कि इस प्लेटफॉर्म के बारे में सही रिव्यू किया गया है या फिर फेक तरीके से रिव्यू पोस्ट किया गया है।यहां पर ये तरीके आप भी जान सकते हैं। जिससे फ्रॉड के शिकार ना हो पाए।
- यूजर्स के डोमेन नेम और ईमेल एड्रेस की पुष्टि
- ईमेल एड्रेस को वेरिफाई किया जाता है कि इससे एक बार यूज किया गया है या फिर कई बार
- एक ईमेल भेजना जो एक लिंक पर क्लिक करके रिव्यू करने वाले की पुष्टि करने के लिए कहना
- वेबसाइटों की सुरक्षा करने वाले प्रोग्राम से वेरिफिकेशन
- टेलीफोन कॉल या एसएमएस से वेरिफिकेशन
- एड्रेस या आईपी एड्रेस से पहचान
- सिंगल साइन-ऑन (एसएसओ) द्वारा पहचान का वेरिफिकेशन