फेसबुक में JOB के लिए कनाडा गया भारतीय इंजीनियर, मार्क जुकरबर्ग ने 2 दिन बाद ही नौकरी से निकाला!

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लिंक्‍डइन पर बयां किया अपना दर्द

लिंक्‍डइन पर बयां किया अपना दर्द

आईआईटी खड़गपुर से पासआउट सॉफ्टवेयर इंजीनियर हिमांशु वी ने लिंक्‍डइन पर लिखा है कि वह मेटा ज्‍वाइन करने से पहले गिटहब, एडोब, फ्लिपकार्ट जैसी नामी कंपनियों में काम कर चुके हैं। लिंक्‍डइन पोस्‍ट में उन्‍होंने लिखा, ‘मैं मेटा ज्‍वाइन करने के लिए कनाडा गया था, लेकिन ज्‍वाइनिंग के दो दिन बाद ही मेरी जर्नी खत्‍म हो गई। बड़ी संख्‍या में जो छंटनी हुई, उसका असर मुझ पर भी पड़ा है। मेरा दिल हर उस शख्‍स के लिए दर्द महसूस कर रहा है जो इस हालात को झेल रहा है।’

'आगे क्या करूं कुछ समझ नहीं आ रहा'

‘आगे क्या करूं कुछ समझ नहीं आ रहा’

मेटा के पूर्व कर्मचारी हिमांशु वी ने कहा अब उन्‍हें यह समझ नहीं आ रहा है कि आगे क्‍या करना है? उन्होंने लिखा, “अब मेरा क्या होगा? ईमानदारी से कहूं, तो मेरे पास कोई आइडिया नहीं हैं। आगे क्या होगा मैं उसका इंतजार कर रहा हूं। अगर आपको कनाडा या भारत में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के लिए किसी हायरिंग या पोस्ट के बारे में जानकारी है, तो कृपया मुझे बताएं।”

सोशल मीडिया पर खूब हो रहा वायरल

सोशल मीडिया पर खूब हो रहा वायरल

हिमांशु के इस पोस्‍ट पर काफी संख्या में लोग अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कई लोगों को हिमांशु की बात का यकीन तक नहीं हो रहा है। एक ऐसे ही यूजर ने प्रतिक्रिया में लिखा है, ‘मुझे अंदाजा नहीं है आखिर ऐसा कैसे हो सकता है? क्‍या कंपनी को इस बारे में अंदाजा नहीं था कि जिस शख्‍स को वह नौकरी के लिए एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप ला रहा है, उसे दो दिन बाद ही निकाल दिया जाएगा। यह बात श्‍योर है कि उन्‍होंने छंटनी करने वाले लोगों की लिस्‍ट पहले से ही तैयार की होगी।’

 दर्द सुनकर संवेदना जता रहे लोग

दर्द सुनकर संवेदना जता रहे लोग

इसके साथ ही कई ऐसे भी लोग हैं जो हिमांशु के लिए संवेदना जता रहे हैं। एक यूजर्स ने कमेंट कर लिखा कि मैं आपका दर्द समझ सकता हूं, मैं खुद इसी परिस्थिति से जूझ रहा हूं। हमें सकारात्मक रहने की जरूरत है, कोई न कोई तो हमारी मदद करेगा, ऑल द बेस्‍ट! इसके साथ ही कई लोगों ने हिमांशु को सॉफ्टवेयर जॉब से रिलेटेड लिंक्‍स भी शेयर किया है।

लागत कम करने के लिए मेटा ने लिया छंटनी का फैसला

लागत कम करने के लिए मेटा ने लिया छंटनी का फैसला

बुधवार को मेटा ने कहा कि उसने कंपनी की लागत को कम करने के लिए छंटनी का फैसला लिया है। कंपनी के अनुसार, बढ़ी हुई लागत मुनाफे को खा रही है और इससे राजस्व में गिरावट हो रही है। मेटी सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि कंपनी के रेवेन्‍यू में भारी कमी आई है, इस कारण यह फैसला किया गया है। जकरबर्ग ने छंटनी को बहुत ही कठिन फैसला करार दिया।



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