बेतवा नदी में पांच दिनों से फंसे थे किसान, सेना ने एयरलिफ्ट कर बचाई जान


Farmers were trapped in the middle of the Betwa river- India TV Hindi News
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Farmers were trapped in the middle of the Betwa river

Highlights

  • नदी में जलस्तर बढ़ने से फंस गए थे पांचों किसान
  • तेज बहाव के कारण SDRF नहीं कर सकी मदद
  • रेस्क्यू करने में सेना के हेलिकॉप्टरों को तीन घंटे का लगा समय

Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के झांसी में बेतवा नदी के बीच बने टापू पर पिछले पांच दिनों से फंसे 5 किसानों को एयरलिफ्ट करने के लिए सेना के दो हेलीकॉप्टरों को सेवा में लगाया गया है। गुरुवार को झांसी में बचाव अभियान कई घंटों तक चला। लोकल स्तर पर इन किसानों तक पहुंचने के कोशिश विफल होने के बाद सेना से मदद मांगी गई। इसके ग्वालियर से सेना के हेलिकॉप्टरों ने उड़ान भरी।

नदी में जलस्तर बढ़ने से फंस गए थे

कानपुर जोन के एडीजी भानु भास्कर ने कहा कि झांसी प्रशासन ने इन किसानों को बचाने के लिए सेना की मदद मांगी थी। बचाव अभियान में जिन लोगों को बचाया गया, उनकी पहचान 17 वर्षीय भूरी सिंह, 40 वर्षीय हरिराम, 23 वर्षीय अशोक चतुर्भुज, 38 वर्षीय मणि और एक अन्य व्यक्ति के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि यह 19 अगस्त को मछली पकड़ने टापू पर गए थे। लेकिन, मध्य प्रदेश से छोड़े गए पानी के कारण जलस्तर बढ़ने पर यह वापस नहीं लौट सके।

पिछले पांच दिनों में नहीं था परिवार से संपर्क

मणि ने कहा, “जल स्तर कम होने की वजह से हमने कुछ मछलियों को पकड़ने का फैसला किया। हम में से एक के पास ढाई किलोग्राम गेहूं का आटा और थोड़ा पानी था। अचानक, पानी का स्तर तेज गति से बढ़ने लगा और हम फंस गए।” भूरी के पिता जमुना ने कहा कि पिछले पांच दिनों में परिवारों का उनमें से किसी से कोई संपर्क नहीं था। वह सभी जानते थे कि वे टापू पर हैं। ग्रामीणों ने बचाव कार्य का प्रयास किया लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं लगी।

तेज बहाव के कारण SDRF नहीं कर सकी मदद

बचाव अभियान की निगरानी करने वाले झांसी के एसएसपी शिव हरि मीणा ने कहा, “गुरुवार को ग्रामीणों ने जिले के अधिकारियों को इसकी सूचना दी।” राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीम को पहले बुलाया गया था, लेकिन पानी का प्रवाह ज्यादा होने के कारण उनकी टीम कुछ नहीं कर सकी। जिसके बाद सेना से मदद मांगी गई और उनके हेलिकॉप्टरों की लैंडिंग के लिए एक सुरक्षित स्थान पर अस्थायी हेलीपैड तैयार किया गया।

सभी को सुरक्षित निकालने में सेना के हेलिकॉप्टरों को तीन घंटे का समय लगा। मेडिकल टीम ने मौके पर ही उनकी जांच की और उन्हें घर जाने की अनुमति दी। 

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