Economic Survey 2023: 1 फरवरी को पेश होने वाले आम बजट से एक दिन पहले यानी 31 जनवरी को आर्थिक सर्वेक्षण 2023 पेश किया जाएगा। इसके जरिए सरकार बताएगी कि देश की आर्थिक स्थिति कैसी है। साथ ही Economic Survey 2023 की बड़ी बातें से अंदाजा लग जाएगा कि बजट 2023 में सरकार क्या खास फैसले ले सकती है। शेयर बाजार की भी इस पर कड़ी नजर रहेगी।
यह रिपोर्ट सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) के नेतृत्व वाली एक टीम द्वारा तैयार की गई है और इसे वित्त मंत्री द्वारा अनुमोदित किए जाने के बाद जारी किया गया है। यह रिपोर्ट 31 जनवरी को संसद के दोनों सदनों में पेश की जाएगी और इसके बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की जाएगी, जहां सुब्रमण्यन और उनकी टीम अगले वित्तीय वर्ष के लिए आर्थिक रोडमैप पर चर्चा करेगी।
पहला आर्थिक सर्वेक्षण वर्ष 1950-51 में प्रस्तुत किया गया था। 1964 तक, इसे केंद्रीय बजट के साथ प्रस्तुत किया जाता था। बाद में इसे एक दिन पहले पेश किया जाने लगा।
जानिए क्या होता है Economic Survey 2023
Economic Survey तमाम सेक्टर्स की तस्वीर पेश करते हुए अर्थव्यवस्था की झलक दिखलाता है। यह अर्थव्यवस्था की एक वार्षिक आर्थिक रिपोर्ट होती है। इस साल केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण Economic Survey (आर्थिक सर्वेक्षण) पेश करेंगी। यह देश की अर्थव्यवस्था के समक्ष संभावनाओं और चुनौतियों का एक विस्तृत ब्यौरा होता है। इसमें सेक्टर के हिसाब ब्यौरा होता है साथ ही उन पर टिप्पणियां और आवश्यक सुधार उपायों का उल्लेख होता है। इस सर्वेक्षण का दृष्टिकोण सरकार की भावी नीतियों का खाका तैयार करने में मददगार होता है।
GDP ग्रोथ का होता है पूर्वानुमान
Economic Survey के माध्यम से आर्थिक विकास दर का पूर्वानुमान लगाया जाता है। इसमें पर्याप्त कारणों के साथ यह बताने की कोशिश की जाती है कि क्यों आगामी वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ेगी या फिर धीमी रहेगी।
Posted By: Arvind Dubey