‘जाम के लिए तैयार रहें', किसानों के मार्च के बीच पुलिस का बयान; सुरक्षा बढ़ाई गई – India TV Hindi

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किसानों ने 13 फरवरी को अपना मार्च शुरू किया था।

नई दिल्ली: किसानों के विरोध-प्रदर्शन के कारण बुधवार को लोगों को जाम का सामना करना पड़ सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर किसानों के इकट्ठा होने से सुबह से ही भारी जाम लगने लगा है। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि टिकरी, सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर के साथ-साथ रेलवे, मेट्रो स्टेशनों और बस अड्डों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। एक अधिकारी ने बताया, ‘हमने तीनों सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी है। हालांकि हमने कोई सीमा या रास्ते को बंद नहीं किया है लेकिन गाड़ियों की जांच की जाएगी।’

‘चौबीसों घंटे कड़ी निगरानी सुनिश्चित करेंगे’

पुलिस उपायुक्त (बाहरी दिल्ली) जिमी चिराम ने बताया कि दिल्ली-हरियाणा सीमा पर बल पहले से ही तैनात है। उन्होंने कहा, ‘किसानों के आह्वान के मद्देनजर हम स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।’ एक अन्य अधिकारी ने बताया, ‘हमने सिंघु और टिकरी सीमाओं पर वाहनों की आवाजाही के लिए अस्थायी रूप से लगाए गये अवरोधकों को हटा दिया है। हालांकि पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवान अभी भी तैनात हैं और चौबीसों घंटे कड़ी निगरानी सुनिश्चित करेंगे।’ रेलवे, मेट्रो स्टेशनों और बस अड्डों पर अतिरिक्त पुलिस व अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है क्योंकि किसानों के ट्रेन व बस जैसे सार्वजनिक परिवहनों से आने की भी उम्मीद है।

‘दिल्ली में पहले से ही धारा 144 लागू है’

अधिकारी ने बताया,’दिल्ली में पहले से ही धारा 144 लागू है। हम यहां कहीं भी किसी सभा या कार्यक्रम की अनुमति नहीं देंगे।’ उन्होंने बताया कि ISBT कश्मीरी गेट, आनंद विहार और सराय काले खां पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। अधिकारी ने बताया, ‘किसी को भी कानून का उल्लंघन करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।’ किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे 2 प्रमुख संगठन किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) ने रविवार को देश भर के किसानों से बुधवार को दिल्ली पहुंचने का आह्वान किया था। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल ने यह आह्वान किया था।

13 फरवरी को शुरू हुआ था किसानों का मार्च

दोनों नेताओं ने फसलों के लिए MSP की कानूनी गारंटी सहित अपनी कई मांगों के समर्थन में 10 मार्च को 4 घंटे के देशव्यापी ‘रेल रोको’ आंदोलन का भी आह्वान किया है। नेताओं ने कहा कि किसी किसान का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा और मांगें पूरी होने तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। पिछले महीने पंजाब-हरियाणा सीमा पर खनौरी में सुरक्षाकर्मियों और किसानों के बीच झड़प में एक किसान की मौत हो गई थी। सुरक्षाबलों द्वारा ‘दिल्ली चलो’ मार्च को रोके जाने के बाद प्रदर्शनकारी किसान पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर बैठे हैं। किसानों ने 13 फरवरी को अपना मार्च शुरू किया था लेकिन सुरक्षाबलों ने उन्हें रोक दिया, जिसके चलते झड़प हुईं थी। (भाषा)

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