![पृथ्वी से बाहर दूसरी दुनिया में मिला पानी ही पानी, दोनों exoplanets को देखकर खगोलविद भी हैरान 1 exoplanet 1671195210](https://hindi.oneindia.com/img/1200x60x675/2022/12/exoplanet-1671195210.jpg)
![पृथ्वी से बाहर दूसरी दुनिया में मिला पानी ही पानी, दोनों exoplanets को देखकर खगोलविद भी हैरान 2 पृथ्वी से बाहर दूसरी दुनिया में मिला पानी ही पानी](https://hindi.oneindia.com/img/1200x90x675/2022/12/xexoplanet5-1671195284.jpg.pagespeed.ic.z_FIhR9X8S.jpg)
पृथ्वी से बाहर दूसरी दुनिया में मिला पानी ही पानी
खगोलविदों की एक टीम ने दो ऐसे एक्सोप्लैनेट का पता लगाया है, जिसका ज्यादातर हिस्सा पानी हैं। ये दोनों एक्सोप्लैनेट एक दूरस्थ ग्रह की परिक्रमा कर रहे हैं। मॉन्ट्रियल यूनिवर्सिटी के मुताबिक ये दोनों एक्सोप्लैनेट ब्रह्मांड में जिस ग्रह प्रणाली में स्थित हैं, वह तारामंडल लायरा में 218 प्रकाश वर्ष दूर हैं और हमारे सौर मंडल के किसी भी ग्रह की तरह नहीं हैं। Kepler-138c और Kepler-138d एक्सोप्लैनेट को नासा के हबल और रिटायर हो चुके स्पित्जर स्पेस टेलीस्कोप से देखा जा रहा था।
![पृथ्वी से बाहर दूसरी दुनिया में मिला पानी ही पानी, दोनों exoplanets को देखकर खगोलविद भी हैरान 3 पृथ्वी से भी बहुत विशाल है आकार](https://hindi.oneindia.com/img/2022/12/exoplanet2-1671195311.jpg)
पृथ्वी से भी बहुत विशाल है आकार
खगोलशास्त्रियों ने पता लगाया है कि यह बहिर्ग्रह पृथ्वी के आकार से करीब डेढ़ गुना हैं और यह ज्यादातर पानी से ही बने हुए हो सकते हैं। वैज्ञानिकों को दोनों ग्रहों पर सीधे पानी का पता तो नहीं लगा है, लेकिन उसके आकार और द्रव्यमान से जो नतीजे हासिल किए गए हैं, उससे पता चलता है कि उसका अधिकांश भाग, लगभग आधा चट्टान से हल्की चीज से बना है, लेकिन वह हाइड्रोजन और हीलियम से भारी हैं। इस विवरण में सबसे उपयुक्त पदार्थ पानी लगता है।
![पृथ्वी से बाहर दूसरी दुनिया में मिला पानी ही पानी, दोनों exoplanets को देखकर खगोलविद भी हैरान 4 पहले सैद्धांतिक तौर पर ही माना जाता था अस्तित्व](https://hindi.oneindia.com/img/2022/12/xexoplanet3-1671195339.jpg.pagespeed.ic.haEhTLcrYq.jpg)
पहले सैद्धांतिक तौर पर ही माना जाता था अस्तित्व
ब्जोर्न बेनेके जो कि जर्नल नेचर ऐस्ट्रोनॉमी में प्रकाशित इस शोध के अगुवा हैं, उन्होंने इसके बारे में बताया है, ‘हम पहले सोचते थे कि जो ग्रह पृथ्वी से थोड़े बड़े हैं, वो धातु और चट्टानों की बड़ी गेंदों की तरह हैं, जैसे कि पृथ्वी का ही बड़ा संस्करण, और इसीलिए हमने उन्हें सुपर-अर्थ कहा था। हालांकि, हमने अब पाया है कि ये दोनों ग्रह, Kepler-138c और Kepler-138d,प्रकृति में काफी अलग हैं; उनके पूरे द्रव्यमान का एक बड़ा हिस्सा संभवतः पानी से बना है। ऐसा पहली बार है जब हम ऐसे ग्रहों को देख रहे हैं जिन्हें हम भरोसे के साथ जल जगत के रूप में पहचान सकते हैं, ऐसे प्रकार का ग्रह जिसे खगोलविद लंबे समय से सैद्धांतिक तौर पर अस्तित्व में होने की बात कहते थे।’
![पृथ्वी से बाहर दूसरी दुनिया में मिला पानी ही पानी, दोनों exoplanets को देखकर खगोलविद भी हैरान 5 इन दोनों ग्रहों पर महासागर होने की संभावना नहीं](https://hindi.oneindia.com/img/2022/12/xexoplanet7-1671195366.jpg.pagespeed.ic.sf3q8i3zXL.jpg)
इन दोनों ग्रहों पर महासागर होने की संभावना नहीं
धरती से तीन गुना ज्यादा आयतन और दोगुने द्रव्यमान के साथ, दोनों ग्रहों- Kepler-138c और Kepler-138d का घनत्व हमारी पृथ्वी से बहुत कम है। वैज्ञानिकों के लिए भी यह खोज चौंकाने वाली है, क्योंकि अभी तक पृथ्वी से थोड़े बड़े जितने भी ग्रह मिले हैं, वह चट्टानी ही मिले हैं। लेकिन, इसके साथ ही शोधकर्ताओं ने यह भी साफ किया है कि इन दोनों ग्रहों पर वैसे महासागर नहीं हो सकते जैसे कि हमारे ग्रह की सतह पर मौजूद हैं।
![पृथ्वी से बाहर दूसरी दुनिया में मिला पानी ही पानी, दोनों exoplanets को देखकर खगोलविद भी हैरान 6 भाप से बना मोटा और घना वातावरण होने की संभावना](https://hindi.oneindia.com/img/2022/12/exoplanet6-1671195404.jpg)
भाप से बना मोटा और घना वातावरण होने की संभावना
प्रेस को जारी बयान में इस रिसर्च टीम के एक सदस्य कैरोलीन पियाउलेट ने कहा कि, ‘Kepler-138c और Kepler-138d के वातावरण में तापमान पानी के बॉयलिंग प्वाइंट से ऊपर होने की संभावना है, और हम इन ग्रहों पर भाप से बने मोटे, घने वातावरण की उम्मीद करते हैं। केवल उस भाप की स्थिति में उच्च दबाव पर तरल पानी हो सकता है। या उसके बाद के चरण में भी पानी हो सकता है जो उच्च दबाव पर होता है, जिसे सुपरक्रिटिकल द्रव कहते हैं।’
इसे भी पढ़ें- अब साइबेरिया में खुला नर्क का दरवाजा, निगल रहा है आसपास के घर
![पृथ्वी से बाहर दूसरी दुनिया में मिला पानी ही पानी, दोनों exoplanets को देखकर खगोलविद भी हैरान 7 एक्सोप्लैनेट क्या हैं ?](https://hindi.oneindia.com/img/2022/12/xexoplanet4-1671195450.jpg.pagespeed.ic.nCLrWrtcLC.jpg)
एक्सोप्लैनेट क्या हैं ?
ब्रह्मांड में हमारे सौर मंडल के बाहर भी अनेक ग्रह मौजूद हैं। वह भी अपनी कक्षा में और किसी दूसरे ग्रह की परिक्रमा करते हैं। सौर मंडल के बाहर के ऐसे ग्रहों को ही एक्सोप्लैनेट या बहिर्ग्रह कहा जाता है। खगलोविदों को इस बार जो कामयाबी मिली है, वह धरती के लिए भी एक उम्मीद की किरण भविष्य में हो सकती है।(तस्वीरें -सांकेतिक)