WMCC Meet: भारत-चीन के बीच LAC गतिरोध पर बैठक बेनतीजा, बाकी मुद्दों पर वार्ता के लिए सहमति

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17वें दौर वार्ता जल्द होगी आयोजित- MEA

17वें दौर वार्ता जल्द होगी आयोजित- MEA

WMCC की बैठक के बाद विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, “दोनों पक्ष एलएसी के साथ शेष मुद्दों को जल्द से जल्द हल करने के लिए राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से चर्चा जारी रखने पर सहमत हुए। जिससे कि सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय (WMCC) के माध्यम से द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति की बहाली के लिए स्थितियां बनाई जा सकें।” विदेश मंत्रालय ने सैन्य वार्ता के तंत्र का जिक्र करते आगे कहा, “मौजूदा द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल के अनुसार पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी के साथ शेष मुद्दों के समाधान के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए, वे वरिष्ठ कमांडरों की बैठक के अगले (17वें) दौर को जल्द आयोजित करने के लिए सहमत हुए।”

चीन के विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?

चीन के विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?

बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा, “दोनों पक्षों ने पिछले राजनयिक-सैन्य संचार की प्रभावशीलता की पूरी तरह से पुष्टि की और सीमा की स्थिति को आसान बनाने और सामान्य नियंत्रण को बढ़ावा देने के उपाय करने के लिए तैयार हैं।” चीनी रीडआउट ने आगे कहा कि दोनों पक्षों ने रचनात्मक प्रस्तावों को सामने रखा और जल्द से जल्द सैन्य कमांडर-स्तरीय वार्ता के 17वें दौर को आयोजित करने पर सहमति व्यक्त की।

हॉट स्प्रिंग्स से सैनिकों के हटने का स्वागत

हॉट स्प्रिंग्स से सैनिकों के हटने का स्वागत

भारत लगातार इस बात पर कायम है कि एलएसी पर शांति और शांति द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा मिले। दो दर्जन से अधिक दौर की कूटनीतिक और सैन्य वार्ता के बाद उन्होंने पैंगोंग झील, गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स के दो किनारों से सैनिकों को वापस लिया। हालांकि वे डेपसांग और डेमचोक जैसे क्षेत्रों में तनाव मामले में हल नहीं निकल सका है। विदेश मंत्रालय के एक बयान में मई 2022 में WMCC की पिछली बैठक के बाद के घटनाक्रम को याद करते हुए कहा गया,”उन्होंने (चीन) गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स (PP-15)के क्षेत्र से सैनिकों के हटाए जाने का स्वागत किया, जो 8-12 सितंबर 2022 के बीच चरणबद्ध, समन्वित तरीके से किया गया था”।

मई 2020 से LAC पर बढ़ा तनाव

मई 2020 से LAC पर बढ़ा तनाव

दोनों पक्षों के बीच मई 2020 से एलएसी पर सैन्य गतिरोध है। लद्दाख सेक्टर में 50,000 से अधिक सैनिकों को तैनात किया।
डब्ल्यूएमसीसी (Working Mechanism for Consultation and Coordination) की पिछली बैठक मई में हुई थी। हालांकि अब चीनी पक्ष ने हाल के महीनों में इस बात पर जोर दिया है कि सीमा गतिरोध को समग्र द्विपक्षीय संबंधों में “उचित स्थान” पर रखा जाना चाहिए। वहीं भारतीय ने कहा है कि एलएसी पर शांति बहाल होने तक समग्र संबंध सामान्य नहीं हो सकते।

17 जुलाई को सैन्य कमांडरों की बीच हुई थी बैठक

17 जुलाई को सैन्य कमांडरों की बीच हुई थी बैठक

पिछले चार महीन से अधिक समय के अंतराल पर भारत और चीन के बीच होने वाली ये पहली बैठक थी। इससे पहले आखिरी बार 17 जुलाई को दोनों देशों के वरिष्ट सैन्य कमांडरों के बैठक हुई थी। जिसके बाद सितंबर मध्य में हॉट स्प्रिंग्स से सैनिक हटाए गए थे। अब फिर से हुए बैठक में एलएसी मुद्दे पर हल ना निकलना भारत और चीन के बीच मतभेद दर्शाती है।



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