Why Shortage Of Popcorn: जर्मनी में बीयर, जापान में प्याज और अमेरिका में पॉपकॉर्न क्यों हो रहा है महंगा

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नई दिल्ली: महंगाई के इस दौर में हर चीज महंगी होती जा रही है। हालांकि, कुछ चीजें हैं जो अलग-अलग देशों में अधिक महंगी हो रही हैं। दुनिया भर में पॉपकॉर्न (Why Shortage Of Popcorn) से लेकर स्पाइसी सॉस श्रीरचा (Sriracha) तक की कमी हो रही है। ग्रॉसरी शेल्फ में ये सब बड़ी मुश्किल से देखने को मिल रहे हैं। इससे साफ हो रहा है कि अभी दुनिया भर में सप्लाई चेन भारी दबाव में है। तमाम कंपनियां अलग-अलग मौकों पर यह बात स्वीकारती भी रही हैं कि सप्लाई चेन में दिक्कत से सामान की उपलब्धता नहीं हो पा रही है।

जर्मनी में बीयर और जापान में प्याज महंगा

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पिछले कुछ महीनों में बहुत सारी चीजों या तो बेहद महंगी हो चुकी हैं या फिर ढूंढे नहीं मिल रही हैं। इनमें ऑस्ट्रेलिया में लेट्यूस, जापान में प्याज और सलामी और जर्मनी में बोतल वाली बीयर शामिल हैं। अब तमाम बिजनस अपने ग्राहकों की मांग को पूरा करने से लिए वैकल्पिक तरीकों की तलाश में जुट गए हैं। इस समस्या की असल वजह इन चीजों की दिक्कत नहीं है, बल्कि ग्लोबल सप्लाई चेन की दिक्कत के चलते ये सब हो रहा है।

आखिर क्यों दुनिया भर में महंगी हो रही हैं चीजें?

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जब मैन्युफैक्चरर शीशे की बोतल या एल्युमिनियम कैन बनाएंगे ही नहीं, तो फिर लोगों को सोडा और बीयर मुहैया कैसे कराई जाएगी। वहीं शिपिंग कंटेनर की कमी और लेबर मार्केट में लोगों की कमी के चलते सप्लाई की चुनौती से जूझना पड़ रहा है। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के चलते अनाज और खाने का तेल भी महंगे हो गए हैं। साथ ही खाने की चीजें और एनर्जी की कीमतें भी बढ़ गई हैं। इसके लिए मौसम, कोरोना महामारी और तेजी से बढ़ी मांग जिम्मेदार है।

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श्रीरचा सॉस और पॉपकॉर्न की भी हुई किल्लत

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इन दिनों तमाम रेस्टोरेंट में इस्तेमाल होने वाला सॉस श्रीरचा भी ढूंढे नहीं मिल रहा है। इस सॉस को बनाने वाली कंपनी Huy Fong Foods को अपना प्रोडक्शन बंद करना पड़ा है, क्योंकि चिली पेपर्स की कमी हो गई है। अमेरिका में पॉपकॉर्न की कमी से फिल्म देखने जाने वाले बहुत चिंता में हैं, क्योंकि फिल्म देखते वक्त पॉपकॉर्न खूब खाया जाता है। ऐसा नहीं है कि सिर्फ कप, पेपर बैग और लिड की ही सप्लाई की दिक्कत हो गई है, बल्कि किसान भी मक्के यानी कॉर्न के बजाय दूसरी अधिक कमाई वाली फसलें उगा रहे हैं। सब्जियों की भी काफी हद तक कमी देखने को मिल रही है।



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