उत्तर प्रदेश में योगी की प्रचंड जीत के क्या हैं मायने? 5 पॉइंट्स में समझिए

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Image Source : PTI
Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath during an election campaign rally.

Highlights

  • उत्तर प्रदेश में यह जीत ‘ब्रांड योगी’ को मजबूत करने वाली है।
  • योगी की यह जीत अन्य दलों को भी अपनी रणनीति के बारे में सोचने पर मजबूर करेगी।
  • बीजेपी कोशिश करेगी कि दलित वर्ग तक योजनाओं का लाभ ज्यादा से ज्यादा पहुंचे।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी शानदार जीत की तरफ बढ़ चली है। अभी तक मिले रुझानों के मुताबिक बीजेपी के खाते में 270 सीटें आ रही हैं जबकि उसकी मुख्य प्रतिद्वंदी समाजवादी पार्टी 130 सीटों के साथ बहुत पीछे है। अंतिम नतीजों में सीटों की संख्या कुछ भी रहे, रुझानों ने बता दिया है कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ का ‘बुल्डोजर’ एक बार फिर चलने के लिए तैयार है। योगी ने इस जीत के साथ अपने विरोधियों के साथ-साथ पार्टी में उठ रहे बगावती तेवरों को भी कड़ा जवाब दिया है।

आइए, 5 पॉइंट्स में समझते हैं योगी की इस जीत के मायने:

1: ‘ब्रांड योगी’ को मिली मजबूती: उत्तर प्रदेश में शुरुआती सालों को छोड़ दिया जाए तो किसी पार्टी का लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी करना चमत्कार ही है। ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी मुख्यमंत्री ने 5 साल सत्ता में रहने के बाद लगातार दूसरी बार वापसी की हो। सूबे में यह जीत ‘ब्रांड योगी’ को मजबूत करने वाली है और प्रदेश के बाहर भी उनकी लोकप्रियता में इजाफा होने की भरपूर संभावना भी जगाती है। जिस तरह गुजरात में ‘ब्रांड मोदी’ तैयार हुआ था, यूपी की राजनीति भी कुछ उसी राह पर अग्रसर है।

2: राजनीति को मिलेगी नई दिशा: माना जा रहा है कि वर्तमान विधानसभा चुनावों में मुसलमान मतदाताओं ने अखिलेश को खुलकर समर्थन दिया है। आंकड़ों में यह बात नजर भी आती है कि अधिकांश मुस्लिम बहुल सीटों पर समाजवादी पार्टी के मतदाता बाजी मार रहे हैं। ऐसे में इन चुनावों ने साफ कर दिया है कि सिर्फ मुस्लिम और एक-दो अन्य जातियों का अच्छा समर्थन मिलने से ही यूपी में चुनाव नहीं जीता जा सकता। ऐसे में योगी की यह जीत अन्य दलों को भी अपनी रणनीति के बारे में सोचने पर मजबूर कर सकती है।

3: दलित वोटों के लिए लड़ाई: इन चुनावों में कई सीटें ऐसी हैं जहां माना जा रहा है कि बहुजन समाज पार्टी का परंपरागत वोटर बीजेपी की तरफ आया है। हालांकि जिन सीटों पर बसपा जरा भी मजबूत है, वहां अमूमन उसके प्रत्याशी को अच्छा-खासा वोट मिला है। बसपा के कमजोर होने के साथ ही अब दलित वोटों के लिए भारतीय जनता पार्टी और अन्य दलों में रणनीतिक लड़ाई तेज हो सकती है। माना जा रहा है कि दलित मतदाताओं के बड़े हिस्से को बीजेपी की तरफ लाने में कल्याणकारी योजनाओं का बड़ा हाथ रहा है। ऐसे में बीजेपी कोशिश करेगी कि इस वर्ग तक ऐसी योजनाओं का लाभ ज्यादा से ज्यादा पहुंचे।

4: पार्टी में योगी की नई पहचान: 2017 के विधानसभा चुनावों में जीत के बाद बीजेपी ने भले ही योगी को मुख्यमंत्री बनाया हो, लेकिन वह चुनाव मोदी के चेहरे पर लड़ा गया था। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में योगी का यह पहला चुनाव रहा, और इसमें वह सफल हुए। ऐसे में पार्टी में निश्चित रूप से योगी का कद बढ़ेगा, और वह पहली पंक्ति के नेताओं में शुमार हो जाएंगे। माना जा सकता है कि इस जीत के बाद योगी अब प्रधानंमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के बाद बीजेपी के सबसे बड़े चेहरे होंगे।

5: 2024 में बीजेपी को बढ़त: 2024 में देश में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं और उत्तर प्रदेश की 80 सीटें केंद्र में सरकार बनवाने में बड़ी भूमिका अदा करती हैं। विधानसभा चुनावों में बीजेपी को मिले 40 प्रतिशत से ज्यादा के वोट शेयर से यह बात तय हो गई है कि 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए बीजेपी के पास पहले से ही बढ़त है। अगले 2 सालों में विपक्षी पार्टियां मोदी और बीजेपी को एक बार फिर यूपी में बड़ी जीत से रोक पाएंगी, इसकी संभावना कम ही दिखती है। 





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