Death Cross जोन में आया अमेरिकी शेयर बाजार, निवेशकों में खलबली- धराशायी ना हो जाए मार्केट!

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नई दिल्ली: अमेरिकी शेयर बाजारों (US Stock Market) में होने वाली किसी भी बड़ी हलचल का असर निश्चित तौर पर दुनियाभर के शेयर बाजारों (Global Stock Market) पर पड़ता है। इस समय अमेरिकी शेयर बाजारों के महत्वपूर्ण सूचकांकों में से एक नैस्डेक कंपोजिट इंडेक्स (Nasdaq Composite Index) पर संकट के काले बादल मंडरा रहे हैं। अप्रैल 2020 के बाद पहली बार नैस्डेक कंपोजिट इंडेक्स का चार्ट डेथ क्रॉस (death cross) फॉर्मेशन बना रहा है। अप्रैल 2020 में जब इस इंडेक्स के टेक्निकल चार्ट ने डेथ क्रॉस फॉर्मेशन बनाई थी, उस समय वैश्विक अर्थव्यवस्था पर महामारी का प्रकोप था और यूएस शेयर बाजार धराशायी हो गए थे।

इंडेक्स में आई है गिरावट
शुक्रवार को 1.2 फीसद की गिरावट के साथ यह नैस्डेक कंपोजिट सूचकांक 19 नवंबर के उच्च स्तर से अब तक 16 फीसद टूट चुका है। डेथ क्रॉस पैटर्न का उपयोग कुछ निवेशक लंबी अवधि के रुझानों का आकलन करने के लिए करते हैं। यह पैटर्न कई बार बाजार में कमजोरी का संकेत दे चुका है। ऐसा तब होता है, जब किसी इंडेक्स का शॉर्ट-टर्म 50-डे मूविंग एवरेज अपने लॉन्ग-टर्म 200-डे मूविंग एवरेज से नीचे चला जाता है।

फेड रिजर्व की पॉलिसी भी एक कारण
मुद्रास्फीति (महंगाई) बढ़ने के कारण अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) कीमतों को नीचे लाने के प्रयास में दशकों की सबसे तेज मौद्रिक नीति लाने की तैयारी कर रहा है। इससे नैस्डैक कंपोजिट इंडेक्स के दर-संवेदनशील तकनीक, इंटरनेट और ग्रोथ शेयरों के सामने बड़ा खतरा पैदा हो गया है।

जानिए कब-कब बना है डेथ क्रॉस पैटर्न
टेक्निकल चार्ट पर डेथ क्रॉस पैटर्न जून 2000 में बना था, जब डॉट-कॉम का बुलबुला फट गया था। उस समय डॉट कॉम कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई थी, जिससे मार्केट काफी नीचे चला गया था। इसके बाद फिर जनवरी 2008 में वैश्विक वित्तीय संकट से पहले डेथ क्रॉस पैटर्न देखने को मिला था। इस तरह जब भी टेक्निकल चार्ट पर डेथ क्रॉस पैटर्न देखने को मिला है, बाजार में लंबे समय तक गिरावट देखने को मिली है।

खतरा जरूर है पर तबाही नहीं
ड्राइववेल्थ इंस्टीट्यूशनल (DriveWealth Institutional) के मुख्य बाजार रणनीतिकार जे वुड्स (Jay Woods) ने एक फोन साक्षात्कार में कहा, ‘जब आप ‘डेथ क्रॉस’ पैटर्न के बारे में सुनते हैं तो आपके कान खड़े हो जाते हैं। इसका हमेशा यह मतलब नहीं है कि बाजार में कयामत आ रही है। इसका सीधा सा मतलब है कि हम और अधिक विस्तारित डाउनट्रेंड में होंगे। यानी मंदी थोड़ी विस्तारित होगी।’
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पहले ही आ जाती है गिरावट
हालांकि, वुड्स का कहना है कि डेथ क्रॉस ऐतिहासिक रूप से एक पिछड़ा हुआ संकेतक रहा है। यह पैटर्न जब दिखाई देने लगता है, उससे पहले ही शेयर अपनी चाल चल चुके होते हैं। उदाहरण के लिए, नैस्डैक ने अप्रैल 2020 में एक डेथ क्रॉस पैटर्न में प्रवेश किया था, लेकिन इंडेक्स वास्तव में उस वर्ष मार्च में ही न्यूनतम स्तर पर आ गया था। वुड्स ने कहा, ‘यह वास्तव में लंबी अवधि के निवेशकों के लिए एक खरीदारी का मौका है, क्योंकि शेयरों की कीमतें काफी सस्ती हो चुकी होती हैं।’
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31 बार दिख चुका है यह पैटर्न
पोटोमेक फंड मैनेजमेंट (Potomac Fund Management) के आंकड़ों के अनुसार, साल 1971 के बाद से अब तक नैस्डेक कंपोजिट का टेक्निकल चार्ट 31 बार डेथ क्रॉस पैटर्न दिखा चुका है। इस पैटर्न के बाद सूचकांक अगले 21 दिनों में 71% बार बढ़ा है और छह महीने बाद यह 77% बार उच्च स्तर पर था।



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