![शाहरुख खान के समर्थन में उर्मिला मातोंडकर, बोलीं- ‘आप एक ऐसे अभिनेता के बारे में कह रहे हैं जिसने...’ 1 1644238099](https://images1.livehindustan.com/uploadimage/library/2022/02/07/16_9/16_9_1/_1644238099.jpg)
लता मंगेशकर के अंतिम संस्कार में बॉलीवुड से लेकर राजनीति, खेल सहित दूसरे क्षेत्र की तमाम दिग्गज हस्तियां पहुंची थीं। शाहरुख खान अपनी मैनेजर पूजा ददलानी के साथ पहुंचे और लता मंगेशकर के पार्थिव शरीर पर फूल चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी। इसी बीच उनका एक वीडियो वायरल हो गया जिसमें वह दुआ मांगते हैं और फिर मास्क हटाकर फूंकते हैं। सोशल मीडिया पर एक वर्ग उन्हें ट्रोल करने लगा और कहा कि वे थूक रहे हैं। अब इस पूरे मामले पर उर्मिला मातोंडकर ने शाहरुख खान का समर्थन किया है।
उर्मिला ने क्या कहा
उर्मिला मातोंडकर ने कहा कि जिस अभिनेता ने दुनियाभर में देश का नाम बढ़ाया है उसके बारे में ऐसी बातें की जा रही हैं। राजनीति का इस स्तर तक पहुंचना दुखद है। इंडिया टुडे से बात करते हुए उर्मिला ने कहा, ‘एक समाज के तौर पर हम इतना गिर चुके हैं कि प्रार्थना करने पर भी हमें थूकना लग रहा है। आप एक ऐसे अभिनेता के बारे में बात कर रहे हैं जिसने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर देश का प्रतिनिधित्व किया है। राजनीति इस निचले स्तर पहुंच गई है और यह वाकई अफसोसजनक है।‘
ट्वीट कर दिया था जवाब
इससे पहले उर्मिला ने एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा, ‘थूकना नहीं दुआओं को फूंकना कहते हैं। इस सभ्यता,संस्कृति को भारत कहते हैं। प्रधानमंत्री जी की फोटो तो लगा रखी है, उनसे कुछ सीखा होता। भारत मां की अनमोल बेटी का गाना सुनें। “ईश्वर अल्लाह तेरे नाम, सबको सन्मति दे भगवान। सारा जग तेरी सन्तान।”
थूकना नही दुआओं को फुँकना कहते हैं।इस सभ्यता,संस्कृति को #भारत कहते हैं।
प्रधानमंत्री जी की फ़ोटो तो लगा रखी हैं, उनसे कुछ सीखा होता।
भारत माँ कीं अनमोल बेटी का गाना सुनें
“ईश्वर अल्लाह तेरे नाम, सबको सन्मति दे भगवान,
सारा जग तेरी सन्तान”
(आज का दिन तो छोड़ देतें🙏🏻) https://t.co/fjmUWor9Fh pic.twitter.com/c6tkhiEK1d— Urmila Matondkar (@UrmilaMatondkar) February 6, 2022
रविवार को हुआ अंतिम संस्कार
बता दें कि रविवार को दिग्गज गायिका का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। लता को उनके भाई हृदयनाथ मंगेशकर ने मुखाग्नि दी। 7 फरवरी की सुबह हृदयनाथ के बेटे और लता के भतीजे आदिनाथ मंगेशकर उनकी अस्थियों को लेकर घर पहुंचे।