यूक्रेन का दावा- रूस के पास मिसाइल की कमी, हाइपरसोनिक हथियारों का भी ‘सीमित स्टॉक’

russian missile


हाइलाइट्स

यूक्रेन ने दावा किया है कि रूस हथियारों के संकट से जूझ रहा है.
माइक्रोचिप की कमी के कारण उसके पास हाइपरसोनिक हथियारों का ‘सीमित स्टॉक’ बचा है.
यूक्रेन के प्रधानमंत्री डेनिस शमीहाल ने अनुमान लगाया कि रूस केवल “चार दर्जन” हाइपरसोनिक मिसाइलों तक सीमित है.

कीव. रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को 6 महीने से ज्यादा हो गए हैं. रूस अमेरिका समेत कई देशों से प्रतिबंध भी झेल रहा है, जिसका असर अब दिखने लगा है. इधर यूक्रेन ने दावा किया है कि रूस हथियारों के संकट से जूझ रहा है. उसके पास ज्यादा मिसाइल नहीं बची हैं. माइक्रोचिप की कमी के कारण उसके पास हाइपरसोनिक हथियारों का भी ‘सीमित स्टॉक’ ही बचा है. रिपोर्टों के अनुसार, शुरू में अनुमान से अधिक मिसाइलों को खोने के बाद, मॉस्को इन सेमीकंडक्टर माइक्रोचिप्स को हासिल करना चाह रहा है.

यूरेशियन टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार मई में यूक्रेन ने घोषणा की कि रूस कंप्यूटर और रेफ्रिजेरेटर जैसे उपकरणों से माइक्रोचिप्स लेकर इसका उपयोग कर रहा है. माइक्रोचिप्स की समस्या एक संकट बन गई क्योंकि रूस को घटते माइक्रोचिप्स के कारण आधुनिक सटीक मिसाइलों के बजाय पुराने सोवियत युग के रॉकेटों की ओर रुख करना पड़ा.

पोलिटिको की रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन के प्रधानमंत्री डेनिस शमीहाल ने अनुमान लगाया कि रूस केवल “चार दर्जन” हाइपरसोनिक मिसाइलों तक सीमित है. उन्होंने कहा कि ये वे मिसाइलें हैं जिनके पास माइक्रोचिप्स के कारण सटीकता है. लेकिन रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों के कारण, इस हाई-टेक माइक्रोचिप की डिलीवरी बंद हो गई है, और उनके पास इन स्टॉक को फिर से भरने का कोई तरीका नहीं है. गौरतलब है कि रूस के पास तीन प्रकार के हाइपरसोनिक हथियार हैं- Avangard, Kinzhal और Zircon.

सेमीकंडक्टर चिप्स हाइपरसोनिक हथियारों, स्पेस सेंसर और यहां तक कि स्टील्थ एयरक्राफ्ट का एक अनिवार्य हिस्सा है. मॉस्को को युद्ध जारी रखने के लिए इन सेमीकंडक्टर चिप्स की काफी आवश्यकता है. माइक्रोचिप अमेरिका, जर्मनी, नीदरलैंड, ब्रिटेन, ताइवान और जापान की कंपनियों द्वारा बनाए जाते हैं. अगर रूस किसी तरह माइक्रोचिप की कमी को पूरा करता है तो युद्ध और लंबा चल सकता है, जो यूक्रेन के लिए घातक होगा.

यूक्रेन सुपरसोनिक और हाइपरसोनिक दोनों प्रकार की मिसाइलों के लिए जरूरी उच्च तकनीक वाले माइक्रोचिप्स को रूस को हासिल करने से रोकने को लेकर लगातार प्रतिबद्ध है. उसने दुनिया भर के देशों से आग्रह किया है कि वह रूस को सेमीकंडक्टर्स, ट्रांसफॉर्मर, कनेक्टर, केसिंग, ट्रांजिस्टर, इंसुलेटर और अन्य पार्ट्स के लिए मदद ना करें.

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