ये वायरस खुद तो बीमार कर रहा…लेकिन लोगों को डायबिटिक भी बना रहा

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Corona Virus: कोविड वायरस ने देश में जमकर कहर बरपाया. हजारों लोगों ने वायरस की चपेट में दम तोड़ दिया. लाखों लोग वायरस से संक्रमित हो गए. वैक्सीन और लोगों के अवेयर होने के बाद आज भले ही वायरस का प्रकोप उतना नहीं रहा.. लेकिन ऐसा भी नहीं है कि वायरस का खतरा ही खत्म हो गया है. कोविड का गंभीर असर अभी भी ह्यूमन बॉडी पर देखने को मिल रहा है. हाल ही में इसको लेकर एक स्टडी पब्लिश हुई. इसमें नतीजे बेहद हैरान करने वाले रहे हैं. 

जर्नल में पब्लिश हुई स्टडी, डायबिटीज से संबंध

कोरोना का असर इंसुलिन पर भी देखने को मिला है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जामा नेटवर्क ओपन में हाल में एक स्टडी पब्लिश की गई. इसमें सामने आया कि कोरोना का संबंध डायबिटीज से भी है. जिन्हें कोरोना हुआ. उनमें डायबिटीज होने का खतरा अधिक हो गया हे. इस खतरे को बढ़ाने में ओमिक्रॉन वेरिएंट अहम रहा. 

23 हजार लोगों पर किया गया अध्ययन

अमेरिका के लॉस एंजिल्स में 23709 व्यस्क शामिल किए गए. इनमें 12706 महिलाएं औरर 10981 पुरुष शामिल रहे. इन सभी को कम से एक बार कोविड हुआ था. शोधकता्रओं ने पाया कि कोविड-19 संक्रमण के बाद 90 दिनों में डायबिटीज, हाइब्लड प्रेशर, हाइपरलिपिडेमिया के होने की संभावना पहले से अधिक बढ़ गई थी. 

कोविड वैक्सीन बनी कारागर

डायबिटीज के अध्ययन में एक और गौर करने वाली प्रमुख बात यह रही कि डायबिटीज के जोखिम का संबंध वैक्सीनेशन से भी रहा. जिन लोगों में वैक्सीन लगी. उनमें डायबिटीज और अन्य बीमारियों का खतरा उतना कम देखने को मिला. बता दें कि कई देशों में कोविड टीकाकरण की तीन खुराक होती हैं जिसमें दो प्राथमिक खुराक और एक बूस्टर खुराक शामिल होती है और कुछ अन्य देशों में चार खुराक वाली कोविड टीकाकरण होता है जिसमें दो प्राथमिक खुराक और दो बूस्टर खुराक शामिल होते हैं. भारत में अधिकांश लोगों को बूस्टर डोज लगाई जा चुकी है. 

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