ये हैं देश के पहले ट्रांसजेंडर पायलट, आसमान में उड़ने का पक्का इरादा लेकिन सता रही इस बात की फिक्र

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Adam Harry- India TV Hindi News
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Highlights

  • 23 साल के एडम हैरी हैं भारत के पहले ट्रांसजेंडर पायलट
  • नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के बयान से परेशान हैं एडम
  • हार्मोनल थेरेपी लेने वाले शख्स को नहीं दी जा सकती विमान उड़ाने की इजाजत: डीजीसीए

Transgender Pilot:  भारत के पहले ट्रांसजेंडर पायलट एडम हैरी को अभी भी इस बात की फिक्र है कि उनका विमान उड़ाने का सपना पूरा होगा या नहीं! 23 साल के एडम ये बात इसलिए कह रहे हैं क्योंकि नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने कहा है कि जो व्यक्ति हार्मोनल थेरेपी (महिला से पुरुष बनने की थेरेपी) ले रहा है, उसे विमान उड़ाने का काम नहीं दिया जा सकता। हालांकि डीजीसीए ने ये भी कहा है कि ट्रांसजेंडरों के पायलट बनने पर कोई पाबंदी नहीं है, बस उसने हैरी से ये कहा है कि वह कॉमर्शियल पायलट का लाइसेंस पाने के लिए मेडिकल टेस्ट के लिए दोबारा आवेदन करे। 

दरअसल हैरी के पास प्राइवेट पायलट का लाइसेंस है। उनका कहना है कि डीजीसीए की बात थोड़ी भ्रमित करने वाली है क्योंकि उसने साफ कहा है कि जो व्यक्ति ‘हार्मोनल रिप्लेसमेंट थेरेपी’ ले रहा है, उसे विमान उड़ाने की इजाजत नहीं दी जा सकती।

डीजीसीए अधिकारियों ने जब हैरी से हार्मोनल थेरेपी बंद करने के लिए कहा तो हैरी ने ट्रेनिंग स्कूल में एडमिशन लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका जाने का फैसला किया। हैरी की उम्र 23 साल है और उनका कहना है कि ट्रांसजेंडरों को जीवनभर हार्मोनल थेरेपी लेनी होती है। इसे रोका नहीं जा सकता है। लेकिन भारत में अधिकारी चाहते हैं कि लाइसेंस पाने के लिए मैं हार्मोनल थेरेपी लेना बंद कर दूं।

हैरी ने राजीव गांधी एकेडमी ऑफ एविएशन टेक्नोलॉजी में लिया था एडमिशन

2019 में हैरी ने राजीव गांधी एकेडमी ऑफ एविएशन टेक्नोलॉजी में एडमिशन लिया था। इसमें उनकी मदद राज्य सरकार ने की थी। लेकिन डीजीसीए ने मेडिकल जांच के बाद उन्हें मेडिकल प्रमाणपत्र देने से इनकार कर दिया। उनका कहना है कि उन्हें इस बात से खुशी है कि डीजीसीए ये कहता है कि ट्रांसजेंडरों के भारत में पायलट बनने पर कोई पाबंदी नहीं है। लेकिन ये बात थोड़ी भ्रमित करने वाली भी है।

हैरी कौन सी लड़ाई लड़ रहे हैं? 

दरअसल हैरी एक पुरुष के तौर पर कॉमर्शियल पायलट के रूप में भारत में विमान उड़ाना चाहते हैं और यही उनकी लड़ाई भी है। इस मामले में केरल की उच्च शिक्षा मंत्री आर.बिंदू का कहना है कि एडम एक त्रासदी का सामना कर रहे हैं। ट्रांसजेंडरों की मदद के लिए अभी जो व्यवस्था मौजूद है, वह पर्याप्त नहीं है।

 





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