पुणे के नागरिकों को प्रधानमंत्री ने दी 150 ई बसों की सौगात, जानिए अब वहां कितनी ई बसें हो गईं

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने आज पुणे शहर को 150 इलेक्ट्रिक बसों (E Bus) की सौगात दी। इसी के साथ वहां अब इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ कर 250 हो गई है। आज वहां बढ़े हुए चार्जिंग स्टेशनों (Charging Stations) का भी उद्घाटन किया गया। पुणे शहर में ओलेक्ट्रा ई बसों के बेड़े का संचालन करती है। इसी कंपनी की ई बसें गुजरात के सूरत, महाराष्ट्र के मुंबई और नागपुर के अलावा गोवा, हैदराबाद, देहरादून आदि शहरों में भी चलती हैं।

पहले से बेहतर मिलेगी सेवा
ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक के. वी. प्रदीप का कहना है कि 150 नई इलेक्ट्रिक बसों के जुड़ने से, पुणे के नागरिकों को पहले से बेहतर सेवा मिलेगी। इसी के साथ वहां पर्यावरण भी साफ होगा। उल्लेखनीय है कि शहरी सार्वजनिक परिवहन को दुनिया भर में प्रदूषण का एक प्रमुख कारण माना जाता है। लेकिन ई बसों से शहर में CO2 उत्सर्जन में काफी कमी आएगी। शून्य उत्सर्जन और कई सुरक्षा सुविधाओं के साथ बसें 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिक हैं।

कई शहरों में ओलेक्ट्रा की सेवा

ओलेक्ट्रा द्वारा निर्मित अत्याधुनिक इलेक्ट्रिक बसें सूरत, गोवा, सिलवासा, देहरादून, मुंबई, पुणे और सूरत जैसे कई शहरों में कुशलता से चल रही हैं। के. वी. प्रदीप का कहना है कि वह पुणे शहर की समृद्ध विरासत को संरक्षित करते हुए ओलेक्ट्रा के इलेक्ट्रिक पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम के माध्यम से प्रदूषण के स्तर, ध्वनि प्रदूषण और कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनकी इलेक्ट्रिक बसों ने पहेले से ही विश्वसनीयता और कार्यक्षमता साबित की है। अब तक ओलेक्ट्रा की बसों ने पुणे में 2 करोड़ किलोमीटर से अधिक की यात्रा की है।

एक चार्ज में 200 किलोमीटर चलेगी बस
12 मीटर लंबी इन एसी ई बसों में ड्राइवर के अतिरिक्त 33 सवारियों के बैठने की क्षमता है। कंपनी का कहना है कि इलेक्ट्रॉनिक रूप से नियंत्रित एयर सस्पेंशन से लैस बसें एक आरामदायक और सुरक्षित परिवहन का साधन सुनिश्चित करता है। बसों में सीसीटीवी कैमरे, प्रत्येक सीट के लिए एक आपातकालीन बटन और यात्री सुरक्षा के लिए यूएसबी सॉकेट हैं। बस में लगी लिथियम-आयन (ली-आयन) बैटरी यातायात और यात्री भार के अनुपात के आधार पर, एक बार चार्ज करने पर लगभग 200 किमी की यात्रा करने में सक्षम है। इस तकनीकी रूप से उन्नत बस में एक पुनर्योजी ब्रेकिंग सिस्टम है जो बस को ब्रेकिंग में खोई हुई कुछ गतिज ऊर्जा को पुनर्प्राप्त करने में मदद करता है। हाई-पावर एसी और डीसी चार्जिंग सिस्टम 3-4 घंटे में बैटरी को पूरी तरह से रिचार्ज कर सकती हैं।



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