स्पाइसजेट (SpiceJet) का यह बयान ऐसे समय आया है जब विमान पट्टे पर देने वाली एक कंपनी ने एयरलाइन के खिलाफ लोन सेटेलमेंट सॉल्यूशन के लिये आवेदन दिया है। वहीं संकट में फंसी गो फर्स्ट की तरफ से स्वेच्छा से दायर दिवाला कार्यवाही के आवेदन को राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने बुधवार को स्वीकार कर लिया।
आवेदन की योजना नहीं
विमानन बाजार में हाल के घटनाक्रमों का हवाला देते हुए स्पाइसजेट (SpiceJet) ने कहा कि उसकी दिवाला प्रक्रिया के लिये आवेदन देने की कोई योजना नहीं है। कंपनी ने बयान में कहा, ”हम किसी अन्य एयरलाइन की तरफ से दायर ऋण शोधन याचिका के कारण उत्पन्न किसी भी अटकल को खत्म करना चाहते हैं। एयरलाइन (SpiceJet) का ध्यान अपने कारोबार पर है और कोष जुटाने के लिये निवेशकों के साथ लगातार बातचीत जारी है।”
उल्लेखनीय है कि एनसीएलटी ने आठ मई को विमान पट्टे पर देने वाली कंपनी एयरकैसल (आयरलैंड) लिमिटेड की दिवाला याचिका पर स्पाइसजेट को नोटिस जारी किया था। इस मामले की सुनवाई अगले सप्ताह होनी है। इसके अलावा, पट्टे पर विमान देने वाली कंपनियों ने स्पाइसजेट (SpiceJet) के तीन विमानों का पंजीकरण रद्द करने की अपील की है।
अटकलों को बताया निराधार
स्पाइसजेट (SpiceJet) के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक अजय सिंह ने कहा, ”ऋण शोधन के लिये याचिका दाखिल करने का कोई सवाल ही नहीं है। इसके बारे में अटकलें पूरी तरह से निराधार हैं। हमने अपने उन विमानों का परिचालन में लाने का काम शुरू कर दिया है, जो अभी उड़ान नहीं भर रहे हैं। कंपनी इसके लिये पांच करोड़ डॉलर के ईसीएलजीएस (आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना) कोष और खुद के पास उपलब्ध नकदी का उपयोग कर रही है।” कंपनी ने पिछले सप्ताह ठप खड़े 25 विमानों को परिचालन में लाने की योजना की घोषणा की थी। स्पाइसजेट के बेड़े में करीब 80 विमान हैं।