एसबीआई की रिपोर्ट ने कहा 9 से 14 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ाने पड़ सकते हैं पेट्रोल डीजल के दाम

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Petrol Diesel Prices: रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद कच्चे तेल के दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार में 105 डॉलर प्रति बैरल तक जा पहुंचा है. इसके चलते सरकारी तेल कंपनियों को अपने नुकसान की भरपाई करने के लिए 9 से 14 रुपये प्रति लीटर तक पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ाने होंगे. देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई के इकॉनमिक विंग ने अपनी रिपोर्ट में ये बाते कही है. एसबीआई ने रिपोर्ट में कहा है कि कच्चे तेल के दामों में उछाल के चलते 2022-23 में सरकार के खजाने के उपर एक ट्रिलियन रुपये यानि एक खरब रुपये का अतिरिक्त बोझ आने वाला है. 

एसबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि एक महीने में कच्चा तेल 21 फीसदी तक महंगा हो चुका है. रूस और यूक्रेन विवाद के चलते भारत सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती है सरकार का वित्तीय गणित गड़बड़ा सकता है. आपको बता दें सरकार ने नवंबर 2021 के बाद कच्चे तेल के दामों में भारी बढ़ोतरी के बावजूद पेट्रोल डीजल के दाम पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के कारण नहीं बढ़ाये हैं. 

एसबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा वैट स्ट्रक्चर और ब्रेंट क्रूट प्राइस के 100 और 110 डॉलर प्रति बैरल के रहने पर पेट्रोल डीजल के दामों में 9 से 14 रुपये प्रति लीटर बढ़ाने की दरकार होगी. एसबीआई के चीफ इकॉनमिक एडवाइजर सौम्या कांति घोष के मुताबिक अगर सरकार पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाती है तो सरकार को हर महीने 8000 करोड़ रुपये का टैक्स कलेक्शन का नुकसान होगा. रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने एक्साइज ड्यूटी में कमी की और पेट्रोल डीजल का खपत 8 से 10 फीसदी बढ़ा तो सरकार को 2022-23 95,000 करोड़ रुपये से लेकर एक खरब रुपये का रेवेन्यू लॉस होगा. 

रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा समय में खुदरा महंगाई दर 6.01 फीसदी है जो सात महीने का उच्चम स्तर है. रुस यूक्रेन विवाद के चलते महंगाई में उछाल आ सकती है. 



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