Sahara Investors Update: SEBI ने सुब्रत रॉय और सहारा की कंपनियों से वसूला तगड़ा बकाया, जानिए कितने की हुई है वसूली

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नई दिल्ली: सहारा ग्रुप (Sahara Group) के बारे में एक नया अपडेट आया है। सेबी (SEBI) ने मंगलवार को कहा कि उसने सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन, इसके प्रमुख सुब्रत रॉय (Subrata Roy) और अन्य से 6.57 करोड़ रुपये का लंबित बकाया वसूल कर लिया है। मार्केट रेगुलेटर ने ऑप्शनली फुली कनवर्टीबल डिबेंचर (OFCD) जारी करने में नियमों का उल्लंघन करने के मामले में यह वसूली की है। सेबी ने दिसंबर में इन कंपनियों और लोगों के बैंक तथा डीमैट खातों को कुर्क कर दिया था। सेबी ने जून, 2022 में उन पर छह करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था जिसका भुगतान नहीं होने पर वसूली की कार्यवाही शुरू की गई थी। यह मामला सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन (Sahara India Real Estate Corporation) और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन (Sahara Housing Investment Corporation) द्वारा 2008-09 में ओएफसीडी जारी करने से संबंधित है। इन्हें जारी करने में कुछ नियमों का उल्लंघन किया गया था। इन कंपनियों ने नियमों का पालन किए बिना जनता से पैसे जुटाए थे। सेबी के मुताबिक लोगों को जोखिम की पर्याप्त जानकारी दिए बिना देशभर में लोगों से पैसे जुटाए गए थे।

सेबी ने वसूली आदेश में कहा, ‘6.57 करोड़ रुपये के बकाये का भुगतान पूरा हो चुका है। इसमें ब्याज एवं अन्य शुल्क शामिल हैं।’ सहारा ग्रुप की कंपनियों में देश के करोड़ों निवेशकों का पैसा फंसा हुआ है। सहारा-सेबी फंड (Sahara-Sebi Fund) में करीब 24,000 करोड़ रुपये जमा हैं। हाल में सरकार ने इसमें से 5,000 करोड़ रुपये अलॉट करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से दरख्वास्त की थी ताकि 1.1 करोड़ निवेशकों के पैसों का भुगतान किया जा सके। इन लोगों का पैसा लंबे समय से सहारा ग्रुप की कंपनियों में फंसा है। सहारा हाउसिंग और सहारा रियल एस्टेट ने मार्च 2008 और अक्टूबर 2009 में तीन करोड़ निवेशकों से पैसे जुटाए थे। सेबी ने 24 नवंबर, 2010 को सहारा ग्रुप के किसी भी रूप में पब्लिक से पैसा जुटाने पर पाबंदी लगा दी थी। आखिरकार यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा और कोर्ट ने सहारा ग्रुप को निवेशकों के पैसे 15 फीसदी सालाना ब्याज के साथ लौटाने का आदेश दिया।

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जेल की हवा खा चुके हैं सुब्रत सहारा

साल 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि सहारा समूह की कंपनियों ने सेबी कानूनों का उल्लंघन किया। कंपनियों ने कहा कि उन लाखों भारतीयों से पैसे जुटाए गए जो बैंकिंग सुविधाओं का लाभ नहीं उठा सकते थे। सहारा ग्रुप की कंपनियां निवेशकों को भुगतान करने में विफल रहीं, तो अदालत ने रॉय को जेल भेज दिया। वह लगभग दो साल से अधिक का समय जेल में काट चुके हैं। छह मई 2017 से वह पेरोल पर हैं। पहली बार उन्हें परोल मां के अंतिम संस्कार में शामिल होने के नाम पर मिला था, जिसे बाद में तब बढ़ा दिया गया था।
(भाषा के साथ इनपुट)



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