इस संघर्ष के चलते रूस और यूक्रेन की आपूर्ति बाधित होने से यूरोप में 4.5 करोड़ टन इस्पात की कमी हो गई है। नरेंद्रन ने सीआईआई पूर्वी क्षेत्र की वार्षिक बैठक के मौके पर कहा कि टाटा स्टील कोयले के आयात के लिए वैकल्पिक बाजारों की तलाश करेगी। इस समय रूसी आपूर्तिकर्ताओं और बैंकरों को लेकर काफी अनिश्चितता है। उन्होंने कहा कि टाटा स्टील अपनी कोयला जरूरतों का 10-15 फीसदी रूस से खरीदती है।
उन्होंने कहा कि कंपनी के यूरोपीय परिचालन के लिए उत्तरी अमेरिका से अधिक कोयला खरीदना होगा। नरेंद्रन ने कहा कि टाटा स्टील बेहतर मार्जिन के लिए दक्षिणी यूरोप को अधिक निर्यात करने पर जोर देगी। उन्होंने कहा कि यदि यूक्रेन-रूस संघर्ष अगले कुछ महीनों तक जारी रहता है, तो लागत में वृद्धि सभी को प्रभावित करेगी।
Russia और Ukraine की लड़ाई से एशिया में सबसे अधिक भारत पर पडे़गा असर!