रूस और यूक्रेन की जंग भारत पर पड़ेगी भारी बेरोजगारी से लेकर तेल महंगा होने तक जानें क्या होगा असर

26 02 2022 russiaukraineconflict


Russia Ukraine Conflict: यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद वहां तबाही का मंजर है। युद्ध के तीसरे दिन भी भारी गोलीबारी जारी है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने देश छोड़ने के इनकार कर दिया है। उन्होंने अमेरिका के प्रस्ताव को ठुकराकर हथियार मांगे हैं। रूस और यूक्रेन की जंग का असर भारत पर भी पड़ेगा। देश में महंगाई बढ़ सकती है। साथ ही इन देशों के साथ व्यापार पर भी प्रभावित होगा। आइए जानते है भारत के सामने इस युद्ध से क्या चुनौतियां खड़ी होने वाली हैं।

तेल के दाम बढ़ेंगे

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम आसमान छू रहे हैं। हालांकि भारत में दाम में वृद्धि नहीं हुई है। इसका कारण विधानसभा चुनाव है। इलेक्शन खत्म होते ही दाम बढ़ने की पूरी संभावना है। कच्चे तेल के दामों में 10 फीसद बढ़ोतरी से थोक महंगाई में 0.9 प्रतिशत की वृद्धि होगी। अगर कच्चे तेल के दाम 100 डॉलर प्रति बैरल से अधिक रहे, तब भारत में थोक महंगाई लगभग 2-3 फीसदी बढ़ेगा।

सूरजमुखी तेल की कीमतें बढ़ेंगी

यूक्रेन सबसे बड़ा सूरजमुखी उगाने वाला देश है। इस जंग का असर सनफ्लावर के तेल के दामों पर पड़ेगा। 2020-21 में भारत ने यूक्रेन से 14 लाख टन सुरजमुखी तेल आयात किया था।

गाजियाबाद के व्यापार पर होगा असर

रूस और यूक्रेन की जंग का असर गाजियाबाद के व्यापार पर पड़ेगा। यहां कई फैक्ट्री हैं, जिनका दोनों देशों से एक्सपोर्ट और इंपोर्ट होता है। वह यूक्रेन और रूस में गाजियाबाद से कृषि और कपड़े का निर्यात होता है। इस युद्ध के कारण अबतक गाजियाबाद इंडस्ट्री एसोसिएशन को 100 करोड़ का नुकसान हो चुका है।

भारत और रूस का आयात-निर्यात

भारत रूस को चाय, कॉफी, कपड़े, इलेक्ट्रिकल मशीनरी, लोहा, स्टील और कैमिकल का निर्यात करता है। पिछले वर्ष भारत ने 19,649 करोड़ रुपए का निर्यात और 40,632 करोड़ रुपए का आयात रूस के साथ किया था।

भारत और यूक्रेन का आयात-निर्यात

भारत यूक्रेन को कपड़ा, फार्म उत्पाद, दालें, कैमिकल, प्लास्टिक आइटम्स और इनेक्ट्रिक मशीनरी का निर्यात करता है। पिछले साल यूक्रेन और भारत के बीच 3338 करोड़ का निर्यात और 15,865 करोड़ रुपए का आयात हुआ था।

Posted By: Sandeep Chourey

 



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