अग्‍न‍िपथ योजना के जरिए सेना में भर्ती को लेकर बिहार में हंगामा, बक्सर में ट्रेन पर पथराव

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Agneepath Scheme Ruckus- India TV Hindi
Image Source : SYMBOLIC PICTURE
Agneepath Scheme Ruckus

Highlights

  • बिहार में अग्‍न‍िपथ योजना के विरोध में प्रदर्शन
  • बक्सर में युवाओं ने ट्रेन पर पत्थरबाजी की
  • करीब एक घंटे तक खड़ी रही जन शताब्दी एक्सप्रेस

Agneepath Scheme Ruckus: मोदी सरकार का अग्‍न‍िपथ योजना के जरिए सेना में भर्ती को लेकर किया गया फैसला बिहार में विवादों में आ गया है। बिहार में इस योजना के विरोध में प्रदर्शन शुरू हो गया है और बक्सर में युवाओं ने ट्रेन पर पत्थरबाजी की है।

इसके अलावा मुजफ्फरपुर समेत कई जगहों पर चक्काजाम की भी खबरें सामने आ रही हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बक्सर रेलवे स्टेशन पर आज सुबह 9 बजे के करीब कई युवा पहुंचे और हंगामा शुरू कर दिया। इस हंगामे की वजह से जन शताब्दी एक्सप्रेस करीब एक घंटे तक खड़ी रही। 

युवाओं का कहना है कि केंद्र सरकार की ये योजना बिल्कुल गलत है क्योंकि जब 4 साल में ही हमें रिटायर कर दिया जाएगा तो हम भविष्य में क्या करेंगे? इस दौरान युवकों ने पाटलिपुत्र एक्सप्रेस ट्रेन पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। हालांकि आरपीएफ और जीआरपी मौके पर मौजूद हैं और हालात को काबू में करने की कोशिश कर रही है। 

अग्‍न‍िपथ योजना क्या है?

भारत सरकार ने मंगलवार को आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में सैनिकों की भर्ती के लिए एक नई ‘अग्निपथ योजना’ या ‘Tour Of Duty’ प्लान का ऐलान किया था। इसके तहत बढ़ते वेतन और पेंशन खर्च को कम करने के लिए कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर शार्ट टर्म के लिए सैनिकों की भर्ती की जएगी, जिन्हें ‘अग्निवीर’ (Agniveer) कहा जाएगा। सरकार की इस योजना से उन युवाओं का सपना पूरा होने की उम्मीद है जो कम समय के लिए ही सही लेकिन एक बार आर्मी में जाकर देश की सेवा करना चाहते हैं।

सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति (CCS) की बैठक में इस नए प्लान को मंजूरी मिल जाने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसका ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि अग्निपथ भर्ती योजना एक क्रांतिकारी पहल है। वहीं, आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे ने कहा कि अग्निपथ योजना का उद्देश्य सशस्त्र बलों में भर्ती में आमूल-चूल परिवर्तन लाना है। नई नीति ‘Tour of Duty’ या ‘अग्निपथ’ के मुताबिक, अब सेना में किसी जवान को रिटायरमेंट के लिए 20 साल की नौकरी जरूरी नहीं होगी। इसमें सैनिकों की भर्ती शुरू में 4 साल के लिए होगी, लेकिन उनमें से कुछ को बरकरार रखा जाएगा।





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