‘कंगाल’ पाकिस्तान दाने-दाने को मोहताज, मंडरा रहा भुखमरी का खतरा

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नई दिल्ली: अपनी गलतियों की सजा पा रहा पाकिस्तान अब बद से बदतर स्थिति में पहुंच गया है। वहां लोग दाने-दाने को मोहताज हो गए है। खाने-पीने की चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं। हालात ये है कि लोग खाने के लिए लड़ रहे हैं। भगदड़ में लोगों की मौतें हो रही है। पाकिस्तान में आटे की कीमत 200 रुपये तक पहुंच गई है। वहीं प्याज 200, टमाटर 150 रुपये पर पहुंच गया है। इकोनॉमी को बचाने के लिए बाजार को 8 बजे बंद करने का आदेश दिया गया है। रात 8 बजे के बाद बिजली कट कर दी जाती है। लोगों को कम चाय पीने की सलाह दी जा रही है। पुराने पंखे ओर बल्ब के निर्माण पर रोक लगा दी गई है। अपने जुगाड़ से पाकिस्तान पैसे बचाना चाह रहा है।

वहीं वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) पाकिस्तान को जीने की बढ़ती लागत के बीच भुखमरी के एक बड़े खतरे का सामना करते हुए देख रहा है। इसने चेतावनी दी है कि यह प्राकृतिक आपदाओं और बाधित आपूर्ति से और बढ़ सकता है। जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के बारे में, रिपोर्ट बताती है कि मौसम संबंधी प्राकृतिक आपदा और बाधित आपूर्ति का संयोजन लाखों लोगों के लिए भुखमरी के मौजूदा संकट को एक विनाशकारी परि²श्य में ले जा सकता है।
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ऊर्जा की कमी (आपूर्तिकर्ता के बंद होने या प्राकृतिक, आकस्मिक, या पाइपलाइनों और ऊर्जा ग्रिड को जानबूझकर नुकसान के कारण) मौसमी आपदा के साथ संयुक्त होने पर व्यापक ब्लैकआउट और घातक परिणाम हो सकते हैं। डब्ल्यूईएफ के पार्टनर्स इंस्टीट्यूट फॉर न्यू इकोनॉमी एंड सोसाइटीज प्लेटफॉर्म के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मिशाल पाकिस्तान, आमिर जहांगीर ने कहा, ग्लोबल रिस्क रिपोर्ट 2023 कहती है कि पाकिस्तान के लिए, बुनियादी जरूरतों की सामथ्र्य और उपलब्धता दोनों ही सामाजिक और राजनीतिक अस्थिरता को बढ़ा सकते हैं।

उन्होंने कहा, असुरक्षा का प्रभाव पाकिस्तान में महसूस किया जाना जारी रहेगा और एक साथ खाद्य और ऋण संकट के कारण अस्थिरता को भी बढ़ा सकता है, जिसके चलते संभावित तकनीकी-आधारित निर्णय लेने वाले नेतृत्व ढांचे का उदय होगा। जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, रिपोर्ट बताती है कि जीवन-यापन का संकट सबसे बड़ा अल्पकालिक जोखिम है जबकि जलवायु शमन और जलवायु अनुकूलन की विफलता सबसे बड़ी दीर्घकालिक चिंता है। भू-राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता और अंतमुर्खी रुख आर्थिक बाधाओं को बढ़ाएंगे और शॉर्ट और लॉन्ग-टर्म दोनों जोखिमों को और बढ़ाएंगे।



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