जौनपुर में PM मोदी बोले- अब विकास की बात होती है, तो काशी और अयोध्या की भी चर्चा – India TV Hindi

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी- India TV Hindi

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी दलों के स्टार प्रचारक इस वक्त चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं। चार चरणों की वोटिंग हो चुकी है। अभी तीन चरणों की वोटिंग होनी है। इसे लेकर सभी दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज उत्तर प्रदेश दौरे पर हैं। पीएम मोदी जौनपुर में जनसभा को संबोधित कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि आपका ये आशीर्वाद, आपका स्नेह ये दिखाता है कि उत्तर प्रदेश में इंडी गठबंधन वालों के लिए एक सीट भी जितना मुश्किल कर दिया है। चार जून को जौनपुर में इनती इमृती बटेगी कि सारे रिकॉर्ड टूट जाएंगे। ये चुनाव देश के प्रधानमंत्री चुनने का अवसर है। ऐसा प्रधानमंत्री जो एक दमदार सरकार चलाए, जिस पर दुनिया रौब ना जमा सके, लेकिन वो भारत के दमखम से दुनिया को परिचित कराए, इसलिए जब आप जौनपुर से हमारे कृपाशंकर सिंह को वोट देते हैं, मछलीशहर से बीपी सरोज को वोट देते हैं, तो आपका वोट दमदार सरकार बनाता है। वो वोट जो इनको देंगे वो सीधा-सीधा मोदी के खाते में जाएगा। दमदार सरकार काम कैसे करती है, ये आपने काशी में देखा है। ये आप अयोध्या में होते देख रहे हैं। पहले लोग विकास की बातें करते थे, तो चर्चा कभी दिल्ली की होती थी, तो कभी मुंबई की। अब देश-दुनिया काशी की चर्चा करता है, अयोध्या की भी चर्चा करता है। 

पीएम मोदी ने कहा, “विकसित भारत बनाना ये प्रण है और विकसित भारत का ग्रोथ इंजन पूर्वांचल होगा, पूर्वी भारत होगा, इसलिए जब मैं एक्सप्रेसवे बनाता हूं तो जौनपुर वालों को बड़ा लाभ होता है, जब मैं बनारस के हवाई अड्डे अपग्रेड करता हूं, तो भी यहां के लोगों को फायदा होता है। ये पूरा क्षेत्र हेल्थ और एजुकेशन का एक बड़ा मजबूत हब बन रहा है। आने वाले पांच सालों में मोदी-योगी पूर्वांचल की तस्वीर और तकदीर दोनों बदलने वाले हैं। जौनपुर देश को आईएएस, आईपीएस देने वाला जिला है। एनडीए सरकार परीक्षा से लेकर भर्ती तक नई और पारदर्शी व्यवस्था बनाने में जुटी है। पहले केंद्र सरकार के ग्रुप-सी और डी की भर्तियों में इंटरव्यू होते थे, मोदी ये खत्म कर दिया, ताकि युवाओं को बेवजह की परेशानी ना हो, पारदर्शिता के साथ उनका चयन हो। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी हमने बड़ा फैसला लिया। मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई पहले सिर्फ अंग्रेजी में होती थी। अगर आपका बच्चा स्कूल में अंग्रेजी में पढ़ा है, तभी उसके आगे जाने की खिड़की खुलती है। एक गरीब मां बेटा-बेटी को अंग्रेजी पढ़ाने के लिए कहां जाएगी, क्या मेरा दलित-पिछड़े का बच्चा डॉक्टर नहीं बनेगा। इसलिए मैंने तय कर लिया कि अब आप अपने गांव की भाषा में पढ़कर आएंगे, तो भी डॉक्टर और इंजीनियर बनेंगे। अब हमने हिंदी में पढ़ाई और हिंदी में परीक्षा का रास्ता खोल दिया है।”  

 





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