उत्तर कोरिया ने दागी लंबी दूरी की घातक बैलिस्टिक मिसाइल, किम जोंग-उन ने जारी किया VIDEO

North Korea Ballistic Missile


सियोल. उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन ने नई मिसाइल का एक प्रोमो वीडियो जारी किया है. दरअसल, इस वीडियो के जरिए उत्तर कोरिया ने अपने सबसे आधुनिक और लंबी दूरी की मिसाइल परीक्षण का फुटेज पूरी दुनिया के सामने रखा है. उत्तर कोरिया ने अपने नेता किम जोंग-उन के आदेशानुसार अपनी सबसे बड़ी अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) का परीक्षण किए जाने की पुष्टि की है. ऐसा माना जा रहा है कि अमेरिका के साथ “लंबे समय से जारी टकराव” के मद्देनजर तैयारी करते हुए उत्तर कोरिया अपनी परमाणु क्षमता का विस्तार कर रहा है.

उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया की ओर से शुक्रवार को एक खबर में इस प्रक्षेपण की पुष्टि की गई. इससे एक दिन पहले, दक्षिण कोरिया तथा जापान ने कहा था कि 2017 के बाद से अपने पहले लंबी दूरी के परीक्षण में उत्तर कोरिया ने राजधानी प्योंगयांग के पास एक हवाई अड्डे से एक आईसीबीएम का प्रक्षेपण किया है. विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर कोरिया अपने शस्त्रागार को आधुनिक बनाने के लिए तेजी से कार्रवाई कर रहा है और ठप पड़ी परमाणु निरस्त्रीकरण वार्ता के बीच अमेरिका पर रियायतें देने के लिए इसके जरिये दबाव डालना चाहता है.

उत्तर कोरिया तथा जापान के बीच समुद्र में गिरी मिसाइल
उत्तर कोरिया की आधिकारिक ‘कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी’ (केसीएनए) ने बताया कि ह्वासोंग-17 (आईसीबीएम) 6,248 किलोमीटर (3,880 मील) की अधिकतम ऊंचाई पर पहुंची और उत्तर कोरिया तथा जापान के बीच समुद्र में गिरने से पहले उसने 67 मिनट में 1,090 किलोमीटर (680 मील) का सफर तय किया. एजेंसी ने दावा किया कि परीक्षण ने वांछित तकनीकी उद्देश्यों को पूरा किया और यह साबित करता है कि आईसीबीएम प्रणाली को युद्ध की स्थिति में तुरंत इस्तेमाल किया जा सकता है.

‘मिसाइल 15,000 किलोमीटर तक के लक्ष्य को निशाना बना सकती है’
दक्षिण कोरियाई और जापानी सेनाओं ने भी ऐसे ही प्रक्षेपण विवरण दिये थे. उसके बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि मिसाइल 15,000 किलोमीटर (9,320 मील) तक के लक्ष्य को निशाना बना सकती है, अगर उसे एक टन से कम वजन वाले ‘वॉरहेड’ (आयुध) के साथ सामान्य प्रक्षेप-पथ पर दागा जाए. ‘केसीएनए’ ने मिसाइल के प्रक्षेपण की कुछ तस्वीरें भी साझा कीं. तस्वीरों में देश के नेता किम जोंग-उन मुस्कराते हुए ताली बजाते नजर आ रहे हैं.

उत्तर कोरिया का नया हथियार दुनिया को एक साफ संदेश
एजेंसी ने किम के हवाले से कहा कि उनका नया हथियार उत्तर कोरिया की परमाणु ताकतों के बारे में दुनिया को एक स्पष्ट संदेश देगा. उन्होंने (किम ने) अपनी सेना को एक अभूतपूर्व एवं तमाम तकनीक से लैस सेना बनाने का संकल्प किया, जो किसी भी सैन्य खतरे तथा धमकी से न डरे और अमेरिकी साम्राज्यवादियों के साथ लंबे समय से चले आ रहे टकराव का सामना करने के लिए खुद को पूरी तरह से तैयार कर ले.

दक्षिण कोरिया ने भी मिसाइल परीक्षण कर दिया जवाब
दक्षिण कोरियाई सेना ने जल, थल और हवा से अपनी मिसाइल का परीक्षण कर उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण का जवाब दिया है. दक्षिण कोरिया ने यह भी कहा है कि उत्तर कोरियाई मिसाइल परीक्षण केन्द्र और इसके कमान एवं सुविधा केन्द्र पर सटीक निशाना साधने की पूरी तैयारी है. अमेरिका के रक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार, अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड जे. ऑस्टिन ने दक्षिण कोरिया तथा जापान के अपने समकक्षों को फोन किया और उनसे उत्तर कोरियाई मिसाइल गतिविधियों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई पर चर्चा की तथा रक्षा सहयोग को मजबूत करने का संकल्प किया.

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जापान के विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी ने कहा कि उन्होंने दक्षिण कोरियाई समकक्ष चुंग यूई-योंग से फोन पर बात की और दोनों नेता, उत्तर कोरियाई खतरे के खिलाफ द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने तथा प्योंगयांग के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की कार्रवाई की मांग करने पर सहमत हुए. अंतर-कोरियाई मामलों पर गौर करने वाले, दक्षिण कोरिया के एकीकरण मंत्रालय ने आईसीबीएम परीक्षणों पर अपने खुद के निलंबन को तोड़ने के लिए उत्तर कोरिया की आलोचना की.

अमेरिका ने उत्तर कोरिया पर लगाए और प्रतिबंध
अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बताया कि अमेरिका ने उत्तर कोरिया के मिसाइल कार्यक्रम के लिए संवेदनशील सामग्री मुहैया कराने के लिए रूस और उत्तर कोरिया में पांच इकाइयों तथा लोगों के खिलाफ नए प्रतिबंध भी लगाए हैं. यह इस साल उत्तर कोरिया का 12वां प्रक्षेपण था. गत रविवार को उत्तर कोरिया ने समुद्र में संदिग्ध गोले दागे थे. उत्तर कोरिया, 2017 में तीन आईसीबीएम परीक्षणों के साथ अमेरिका की सरजमीं तक पहुंचने की क्षमता का प्रदर्शन कर चुका है.

विशेषज्ञों का कहना है कि सबसे बड़ी मिसाइल ह्वासोंग-17 विकसित करने का मकसद, उत्तर कोरिया द्वारा मिसाइल रक्षा प्रणालियों को और आगे बढ़ाने के लिए उसे कई हथियारों से लैस करना भी हो सकता है. ह्वासोंग-17 मिसाइल के बारे में सबसे पहले अक्टूबर 2020 में दुनिया को पता चला था.

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